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Bihar: भागलपुर में गंगा पर बनने वाले समानांतर पुल का अपडेट, दोबारा टेंडर के बाद भी निर्माण कार्य बंद

भागलपुर में गंगा पर बने विक्रमशिला सेतु के ठीक बगल में एक और पुल का निर्माण होना है. समानांतर सेतु का निर्माण 994.31 करोड़ रुपये की लागत से होगा. लेकिन दोबारा टेंडर होने के बाद भी इसका काम बंद है.

भागलपुर में गंगा पर बन रहा एक पुल अधूरा है, तो दूसरे का अबतक काम शुरू नहीं हुआ है. हाइवे का निर्माण भी फंसा है. उम्मीद भरा साल गुजरता गया और योजनाएं फंसी ही रह गयी. अब बारिश तक कोई उम्मीद भी नहीं है. समानांतर पुल 994.31 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होना है. अंग क्षेत्र के लोगों के लिए यह पुल बड़ी राहत देगी.

समानांतर पुल : दोबारा टेंडर हुआ फाइनल, फिर भी काम है बंद

विक्रमशिला सेतु के समानांतर पुल निर्माण के लिए टेंडर संबंधित सारी बाधाएं दूरी हो गयी है. दोबारा टेंडर में ठेका एजेंसी बहाल हो गयी है मगर, चयनित ठेका एजेंसी के साथ लेटर ऑफ एक्सेप्टेंस (एलओए) साइन नहीं हो सका है. गांगेय डॉल्फिन अभयारण्य का भी क्लीयरेंस नहीं मिला है. इस कारण समानांतर पुल का निर्माण शुरू नहीं हो सका है.

निर्माण पर रोक की वजह

पुल बनाने का काम एसपी सिंघला को मिला है. पुल इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट कंस्ट्रक्शन (इपीसी) मोड में बनेगा. ठेका एजेंसी को 1460 दिनों में यानी चार साल में पुल बनाना होगा. फरवरी, 2021 में लार्सन एंड टूब्रो के नाम से टेंंडर फाइनल हुआ था, लेकिन भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआइ) द्वारा यह बताकर निर्माण पर रोक लगा दी गयी थी कि पुल के स्पेन का फासला 100 मीटर नहीं था.

टेंडर रद्द कर री-टेंडर की वजह

मंत्रालय से कहा गया था कि उसे अगर 100 मीटर स्पेन पर डिजाइन कर पुल बनाना होगा तो 400 करोड़ रुपये अधिक चाहिए. मंत्रालय की बैठक में सहमति नहीं बनने पर टेंडर रद्द कर री-टेंडर किया गया था.

जमीन देने की प्रक्रिया में अड़चन

गंगा नदी पर बने विक्रमशिला सेतु के समानांतर फोरलेन सेतु निर्माण के लिए जमीन देने की प्रक्रिया में एक अड़चन आ गयी है, जिसे दूर करने की प्रशासनिक कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. खरीक के अंचल अधिकारी ने जिला राजस्व शाखा के प्रभारी पदाधिकारी को यह रिपोर्ट भेजी है कि विक्रमशिला सेतु के पूरब समानांतर सेतु के लिए दी जानेवाली जमीन एक रैयत के नाम से बंदोबस्त है.

जमीन ट्रांसफर की प्रक्रिया

बंदोबस्त रद्द करने के लिए जिला राजस्व शाखा को भेजा गया है. इसका ट्रैस जिला भू-अर्जन कार्यालय से किया गया है. बंदोबस्त रद्द होने के बाद ही जमीन ट्रांसफर हो सकेगी. यह भूमि समानांतर सेतु के रास्ते (एलायनमेंट) पर है.

मांगी गयी जानकारी

जिला राजस्व शाखा ने सीओ को महादेवपुर मौजा की जमीन के बारे में यह रिपोर्ट देने का निर्देश खरीक के सीओ को दिया था कि क्या प्रस्तावित भूमि पुल के एलायनमेंट के अनुरूप है. साथ ही यह भी बताने को कहा गया था कि पुल निर्माण के लिए हाल में निकाले गये टेंडर के संदर्भ में प्रस्तावित भूमि ट्रांसफर के संबंध में स्पष्ट मंतव्य दें.

बंदोबस्त रद्द करने की प्रक्रिया शुरू

इस निर्देश के बाद भूमि का संयुक्त रूप से स्थल निरीक्षण करने के लिए अंचल अमीन प्रमोद कुमार, भागलपुर मोर्थ के प्रतिनिधि एइइ सुधीर कुमार मौर्य व साइट इंजीनियर आशीष कुमार की टीम गठित की गयी. टीम ने स्थल निरीक्षण कर जब रिपोर्ट सौंपी और जमीन की जानकारी जुटायी, तो पता चला कि यह जमीन एक रैयत के नाम से बंदोबस्त है. इसके बाद बंदोबस्त रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की गयी है.

Published By: Thakur Shaktilochan

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