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Bihar News: भागलपुर का एक अस्पताल, जहां असमाजिक तत्व कभी चलाते हैं बम, तो कभी लोगों को देते धमकी

भागलपुर के दक्षिणी क्षेत्र में मोहद्दीनगर स्वास्थ्य केंद्र की बदहाली से लोग त्रस्त हैं. यह असमाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है. असमाजिक तत्वों का यहां भय बना रहता है. वो कभी बम चलाते हैं, तो कभी हड़काते हैं.

भागलपुर के दक्षिणी क्षेत्र में रहने वाले एक लाख से ज्यादा लोगों के स्वास्थ्य देखभाल का भार शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोहद्दीनगर के कंधे पर है. बात केंद्र की करे तो लोगों को इलाज उपलब्ध कराने के लिए दो चिकित्सक यहां तैनात है. इसमें एक होमियोपैथ के है तो दूसरे एलोपैथ के चिकित्सक हैं.

जर्जर हो रहा भवन

बात केंद्र के भवन की करें तो यह अब जर्जर हो रहा है. केंद्र की सुरक्षा के लिए एक भी गार्ड तैनात नहीं है तो अल्ट्रासाउंड जांच कराने मरीज को सदर अस्पताल भेजा जाता है. दवा 102 की जगह 70 तरह की यहां उपलब्ध है. लोगों का कहना है कि यहां असमाजिक तत्वों का भय बना रहता है. वे कभी बम चलाते हैं, तो कभी हड़काते हैं.

दो डाॅक्टर, चार एएनएम के हवाले मरीजों का इलाज

शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोहद्दीनगर में दो चिकित्सक है. इसमें होमियोपैथ चिकित्सक डाॅ कल्पना कुमारी यहां की प्रभारी है तो एमबीबीएस डाॅ राहुल यहां तैनात है. इसके अलावा चार एएनएम, एक पैथोलाॅजिस्ट तो एक फार्मासिस्ट कार्यरत है. यहां आने वाले लोगों को कोरोना जांच के साथ वैक्सीन दी जाती है. इसके अलावा अन्य यहां गर्भवती के लिए जांच की सुविधा उपलब्ध है.

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रोजाना औसतन सौ मरीजों का इलाज

यहां दो चिकित्सक, चार एएनएम, एक पैथोलाॅजिस्ट, एक फार्मासिस्ट, एक डाटा ऑपरेटर कायर्रत है. तीन जीएनएम यहां प्रशिक्षण के लिए आयी थीं जो चली गयी. यह पद अब तक रिक्त है. यहां रोजाना औसतन सौ मरीजों का इलाज प्रत्येक दिन किया जाता है. चतुर्थवर्गीय एवं सुरक्षा गार्ड यहां तैनात नहीं है.

अस्पताल परिसर में अतिक्रमण, शिकायत के बाद भी नहीं हुआ समाधान

अस्पताल परिसर में लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है. इन लोगों ने झोपड़ी बनाया है. अस्पताल प्रशासन लगातार इनको हटाने के लिए पत्र लिख रहा है, लेकिन अब तक इस पर कोई एक्शन नहीं हो पाया है. अतिक्रमणकारी शौचालय का दरवाजा तोड़ दे रहे हैं. इससे आजिज होकर अस्पताल प्रशासन ने दूसरी जगह शौचालय का निर्माण कराया.

चहारदीवारी है छोटी, असामाजिक तत्वों से डर

केंद्र का बाहरी दीवार छोटी है, जिससे यहां के असुरक्षा का माहौल कायम है. पिछले दिनों यहां की दीवार पर बम मार दिया था. इसके बाद खतरा और बढ़ गया है. वहीं सुरक्षा गार्ड भी यहां तैनात नहीं है .

दवा भी पर्याप्त नहीं

केंद्र में आने वाले मरीजों के 102 तरह की दवा उपलब्ध होना चाहिए, लेकिन महज 70 तरह की दवा ही उपलब्ध है. हालांकि प्रभारी का दावा है जो मरीज के लिए जरूरी दवा है, वह सारा उपलब्ध है. फार्मासिस्ट सभी मरीजों को दवा उपलब्ध कराते है.

Published By: Thakur Shaktilochan

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