पटना के फुलवारीशरीफ आतंकी मॉड्यूल मामले में नामजद आरोपितों व संदिग्धों की तलाश में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बिहार में एक साथ पांच जिलों पटना, दरभंगा, नालंदा, पूर्वी चंपारण और मधुबनी जिलों में सघन जांच की. एनआइए ने बताया है कि राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के मामले में आरोपी पीएफआइ से जुड़े इन संदिग्धों की संलिप्तता की जांच को लेकर में 10 परिसरों की तलाशी ली गई.
जांच एजेंसी ने बताया कि सुबह छह बजे से लेकर दोपहर बाद तक चली इस कार्रवाई के दौरान इन परिसरों से डिजिटल उपकरण सहित कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किये गये. मामले की जांच जारी है. इस मामले की शुरुआत में पटना पुलिस ने 12 जुलाई को फुलवारीशरीफ थाने में प्राथमिकी संख्या 827/2022 दर्ज की थी. हालांकि उसके बाद एनआइए ने 22 जुलाई को यह केस टेकओवर करते हुए धारा 120, 120 बी, 121, 121 ए, 153 ए, 153 बी और 34 के तहत फिर से एफआइआर (आरसी-31/2022/एनआइए/डीएलआइ) दर्ज किया है.
जानकारी के अनुसार देश विरोधी गतिविधि में शामिल पीएफआइ व एसडीपीआइ के पदाधिकारी व सदस्यों के तमाम ठिकानों पर एनआइए की टीम ने गुरुवार के अहले सुबह छापेमारी की. टीम ने पटना के करीब दस जगहों के साथ ही अन्य जिलों में अभियुक्तों के घर से लेकर व्यावसायिक जगहों पर जाकर गहनता से जांच की. वहीं, नालंदा जिले के बिहारशरीफ के तीन इलाकों में सोहसराय थाना क्षेत्र के महुआ टोला, लहेरी थाना क्षेत्र के कटरा पर और बिहार थाना क्षेत्र के गढ़पर मोहल्ले में एनआइए की टीम ने छापेमारी की.
एनआइए की टीम ने फुलवारी के गुलिस्तान मोहल्ला रईस कॉलोनी में पीएफआइ संरक्षक अतहर परवेज, नया टोला निवासी झारखंड से रिटायर सब इंस्पेक्टर जलालुद्दीन खां के घर व अहमद पैलेस स्थित ट्रेनिंग सेंटर और अल्वा कॉलोनी में अरमान मलिक के घर छापेमारी की. एनआइए ने आरोपितों के परिजन और आसपास के लोगों से पूछताछ की और गतिविधियों की जानकारी ली. किसी भी गिरफ्तारी की सूचना नहीं है.