पटना. बिहार के दागी सांसद और विधायकों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. उनपर दाखिल वर्षों से लंबित मामले की सुनवाई त्वरित गति से हो सकती है. इस संदर्भ में पटना हाई कोर्ट ने राज्य से हलफनामा मांगा है. पटना हाइकोर्ट ने पूर्व एवं वर्तमान सांसदों, विधायकों के विरुद्ध लंबित आपराधिक मुकदमों के निष्पादन के लिए गृह विभाग के प्रधान सचिव को तीन सप्ताह में हलफनामा देने को कहा है.
चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ के समक्ष वर्तमान और पूर्व एमपी व एमएलए के विरुद्ध आपराधिक मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए सुनवाई की गयी. अदालत ने माना कि लंबित मामलों का शीघ्र निबटारा होना चाहिए और दोषियों को कानून के तहत सजा मिलनी चाहिए. माना जा रहा है कि अगर इन मामलों की त्वरित सुनवाई होगी तो कई सांसद और विधायक मामले से बरी हो जायेंगे, जबकि कई माननीय के दोषी होने और सजा मिलने की सूरत में विधायकी भी जा सकती है.
मंगलवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने वर्तमान और पूर्व एमपी व एमएलए के विरुद्ध आपराधिक मामलों से संबंधित पूरी जानकारी सरकार से मांगी है. पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट में सुनवाई करते हुए राज्य के डीजीपी को अभियोजन के डायरेक्टर के साथ अविलंब बैठक करके गवाही के लिए लंबित मुकदमों में जल्द गवाह पेश करने को कहा था. इससे पहले भी राज्य सरकार द्वारा दायर विस्तृत हलफनामें में इनके विरुद्ध लंबित मुकदमों के संबंध में चार्ज फ्रेमिंग, गवाही व बहस की स्थिति के संबंध में जानकारी दी गई थी.
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ललित किशोर ने बताया था कि वर्तमान व पूर्व एमपी और एमएलए के विरुद्ध कुल 598 आपराधिक मुकदमें लंबित है. जिसमें अधिकतर केस में अनुसंधान पूरा हो गया है. लगभग 78 आपराधिक मुकदमों में अनुसंधान लंबित है. इस मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी.