12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Bihar: मुंगेर में 22 फर्जी नर्सें उठाती रही वेतन, सीएस के निर्देश के बाद भी प्राथमिकी नहीं हुई दर्ज

मुंगेर के सदर अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में तैनात 22 जीएनएम फर्जी तरीके से नौकरी लेकर सरकारी वेतन उठाती रहीं. जब इसका खुलासा हुआ तो सिविल सर्जन के निर्देश के बाद भी अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं किया गया.

मुंगेर सदर अस्पताल सहित तारापुर, हवेली खड़गपुर और संग्रामपुर प्रखंड के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थापित 22 फर्जी निबंधन प्रमाण-पत्र वाले जीएनएम पर तीन दिन बाद भी संबंधित स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गयी है. जबकि इन 22 फर्जी निबंधन प्रमाण-पत्र वाले जीएनएम पर प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर सिविल सर्जन द्वारा सभी संबंधित चिकित्सा पदाधिकारी पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया था.

दो दिनों के अंदर प्राथमिकी दर्ज कराने का दिया गया था निर्देश

बता दें कि 6 अगस्त 2020 से 6 जून 2022 तक जिले में कुल 86 जीएनएम द्वारा राज्य स्तर से नियुक्ति के बाद मुंगेर जिले में योगदान दिया गया था. जहां से उन्हें जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर पदस्थापित किया गया था. जिसमें से सदर अस्पताल में 3, अनुमंडलीय अस्पताल हवेली खड़गपुर में 7, सीएचसी हवेली खड़गपुर में 3, संग्रामपुर में 2 तथा तारापुर में 7 नव नियुक्त जीएनएम का निबंधन प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया.

22 जीएनएम का निबंधन प्रमाण-पत्र फर्जी

इसे लेकर बिहार परिचारिका निबंधन परिषद निदेशक ने 18 जुलाई को ही सिविल सर्जन तथा संबंधित स्वास्थ्य संस्थान को पत्र के माध्यम से इन 22 जीएनएम का निबंधन प्रमाण-पत्र फर्जी होने की सूचना पत्र के माध्यम से दी गयी है. जिसके बाद 23 जुलाई को सिविल सर्जन डॉ पीएम सहाय ने संबंधित स्वास्थ्य संस्थान को 2 दिन के अंदर फर्जी जीएनएम पर कार्रवाई करने तथा इसकी सूचना दिये जाने का निर्देश दिया गया था. साथ ही इन फर्जी जीएनएम से अबतक सरकार से वेतन सहित अन्य मद में प्राप्त राशि एकमुश्त वसूले जाने का निर्देश भी दिया गया है. लेकिन सिविल सर्जन के आदेश के तीन दिन बाद भी अबतक इन 22 फर्जी जीएनएम पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गयी है.

Also Read: Bihar: भागलपुर में पांव पसारता कोरोना, ADM, JLNMCH के हेल्थ मैनेजर से लेकर डॉक्टर तक संक्रमित
कहते हैं सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ पीएम सहाय ने बताया कि बिहार परिचारिका निबंधन परिषद के निदेशक द्वारा 22 नव नियुक्त जीएनएम के निबंधन प्रमाण-पत्र को फर्जी बताया गया है. िसे लेकर परिषद द्वारा पत्र भी भेजा गया है. जिसका रिव्यू कर 23 जुलाई शनिवार को ही सभी संबंधित स्वास्थ्य संस्थानों के चिकित्सा पदाधिकारी को परिषद की सूची के अनुसार पदस्थापित फर्जी जीएनएम पर प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है.

हालांकि सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक होने के कारण उनके द्वारा यहां पदस्थापित तीन जीएनएम पर प्राथमिकी दर्ज कराये जाने को लेकर कोतवाली थाने में आवेदन दिया गया है. जबकि सभी संबंधित स्वास्थ्य संस्थानों के चिकित्सा पदाधिकारियों से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी गयी है.

कहते हैं कोतवाली थानाध्यक्ष

कोतवाली थानाध्यक्ष धीरेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि अबतक इस मामले में कोई लिखित शिकायत पत्र प्राप्त नहीं हुई है. पत्र प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.

Published By: Thakur Shaktilochan

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें