बिहार में शराब के निर्माण, तस्करी व सेवन के मामलों में दिसंबर 2021 के मुकाबले जुलाई 2022 में हर दिन होने वाली औसतन गिरफ्तारी आठ गुना बढ़ी है. पटना जिले में यह आंकड़ा 11 गुना तक पहुंच गया है. मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने बताया कि दिसंबर 2021 में पूरे राज्य में हर दिन औसतन 24 लोग गिरफ्तार होते थे, जो अब बढ़ कर 199 हो गये हैं.
इसी तरह, पटना जिले में दिसंबर 2021 में हर दिन औसतन मात्र तीन लोग गिरफ्तार होते थे, जिसके मुकाबले अब प्रतिदिन 33 लोगों की गिरफ्तारी हो रही है. खास कर 20 जून, 2022 से पटना जिले को पांच जोन में बांटे जाने के बाद गिरफ्तारियां बढ़ी हैं.
गिरफ्तारियों के साथ ही अभियुक्तों को सजा दिलाने की दर में भी उछाल आया है. उत्पाद आयुक्त ने बताया कि पिछले चार महीनों का कंवीक्शन रेट (सजा दिलाने की दर) 91 फीसदी रहा है. 23 जुलाई तक 4219 मामलों में ट्रायल पूरा हो गया है, जिनमें 2766 ट्रायल एक मई, 2022 से 23 जुलाई, 2022 की अवधि में पूरे हुए. इस दौरान 2567 व्यक्तियों को सजा दिलायी गयी.
समन्वय के साथ काम करे पुलिस व मद्य निषेध विभाग सुनील मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने सोमवार को मद्य निषेध औरबिहार पुलिस के अधिकारियों के साथ मद्य निषेध अभियान की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने दोनों विभागों को समन्वय के साथ काम करते हुए मद्य निषेध नीति को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया.
उन्होंने कहा कि ट्रायल तथा सजा दिलाने की दर में और तेजी लायी जाये. इस बैठक में मद्य निषेध विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद, डीजीपी एसके सिंघल, आइजी (मद्य निषेध) सहित संबंधित कई अधिकारी मौजूद रहे.