पटना. पटना में निवेदा समेत अन्य अस्पतालों के ब्लड बैंकों से मिलने वाला खून जान बचाने की जगह जिंदगी भी ले सकता है. यहां खून के काले कारोबार से लाखों का खेल हो रहा है. पुलिस और औषधि विभाग की ओर से इस खून के काले कारोबार का पोल खुलने के बाद कई बड़े खुलासे हुए हैं. जेल जाने से पहले दोनों आरोपित अजय कुमार और संतोष कुमार ने चौकान्ने वाले खुलासे किये हैं.
आरोपित नशेड़ियों को 500 रुपये देकर एक यूनिट के बदले दो यूनिट ब्लड निकालते थे. इसके बदले वे प्राइवेट अस्पताल या जरूरमंतद लोगों से एक यूनिट के पांच से सात हजार रुपये की वसूली करते थे. एक महीने के अंदर दोनों आरोपितों ने 156 मरीजों को एक्सपायरी खून भी चढ़वा दिया है. ट्रेन और बस से भी लाते थे खून, कोल्ड चेन का नहीं रखते थे ख्याल जांच में पता चला है कि दोनों आरोपित जिले के ग्रामीण इलाके में भी खून निकालने के लिए नशेड़ियों के पास जाते थे.
पुलिस से बचने के लिए ब्लड को बस और ट्रेन से ब्लड बैंक लाते थे. इस दौरान कोल्ड चेन के नियम का भी पालन नहीं करते थे. इस खून के धंधे में कौन-कौन लोग संलिप्त थे, इसकी पड़ताल की जा रही है. सभी ब्लड बैग पर निवेदा हॉस्पिटल का स्टिकर लगा था. इन पर न तो डोनर और न ही कलेक्शन करने वाले का नाम था. साथ ही बैग पर एक्सपायरी डेट भी नहीं थी.
जांच टीम में शामिल औषधि विभाग के इंस्पेक्टर यशवंत झा का कहना है कि दोनों आरोपितों के पास सेनिवेदा हॉस्पिटल के ब्लड बैंक के 200 ब्लड बैग मिले हैं. ब्लड को 2 से 6 डिग्री तापमान में रखना होता है. हमेशा तापमान की मॉनीटरिंग करनी होती है. इतना ही नहीं, ब्लड को घरेलू फ्रिज में रखना ही नहीं होता है. इसके लिए विशेष प्रकार का डी फ्रिजर आता है, लेकिन इसे घरेलू फ्रिज में सब्जी रखने वाली जगह पर रखा गया था. बैग पर न तो कलेक्शन की डेट थी और न ही एक्सपायरी डेट दी गयी थी.
इधर, स्वास्थ्य विभाग में नकली खून की आशंका को भी लेकर हड़कंप है. जांच में जुटे अधिकारियों का कहना है कि ब्लड को सिविल सर्जन ऑफिस में सुरक्षित रखवा दिया गया है. ब्लड के साथ उस फ्रिज को भी जब्त किया गया है. अब रैंडम ब्लड की जांच करायी जायेगी और देखा जायेगा कि वह कैसा है. उसमें मिलावट है या फिर खून में कोई संक्रमण है. इसके लिए टीम काम कर रही है. मालूम हो कि पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के संजय गांधी रोड नंबर-1 के किराये के मकान में पुलिस ने अजय कुमार व संतोष कुमार को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने आरोपितों के अड्डे से 44 यूनिट खून जब्त किया था.
पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने कहा कि नर्सिंग होम में खून निकालने की कोई अनुमति नहीं होती है, अगर कोई खून निकालता है, तो अवैध है. खून लेने और देने का अधिकार सिर्फ ब्लड बैंकों के पास है, किसी भी व्यक्ति को जब भी किसी खून की जरूरत पड़े, वह अधिकृत ब्लड बैंक से खून लें व वहीं दें.