22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

छत्तीसगढ़ में 36 का आंकड़ा, CM भूपेश बघेल और TS सिंहदेव आज कांग्रेस आलाकमान से करेंगे मुलाकात

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके कैबिनेट सहयोगी टीएस सिंह देव के बीच मतभेदों की खबर सामने आते ही दोनों को दिल्ली तरब किया गया है. दोनों आज कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात करेंगे.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके कैबिनेट सहयोगी टी. एस. सिंह देव के मध्य जारी खींचतान के बीच दोनों नेता रविवार को कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात करेंगे. सूत्रों ने बताया कि बघेल, कांग्रेस नेतृत्व के समक्ष राज्य के मंत्री सिंहदेव के साथ अपने मतभेदों के मुद्दे को उठा सकते हैं. सिंहदेव ने हाल में पंचायत मंत्री के रूप में अपना इस्तीफा देते हुए कहा था कि उनके विभाग को कोई निधि उपलब्ध नहीं करायी गयी थी और इसलिए गरीबों को घर उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना पर कोई काम नहीं किया जा सका.

सिंहदेव भोपाल से दिल्ली के लिए रवाना

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की रणनीति बैठक में हिस्सा लेने के लिए बघेल दिल्ली में हैं. वह इस साल के अंत में हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए मुख्य पर्यवेक्षक हैं. इस बीच, सिंहदेव भी भोपाल से दिल्ली के लिए रवाना हुए और वह कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे. उनके करीबी सूत्रों ने यह जानकारी दी. इस घटनाक्रम से पता चलता है कि विधानसभा चुनाव से एक साल पहले दोनों कांग्रेस नेताओं के बीच खींचतान और तेज हो रही है.

टीएस सिंहदेव ने 16 जुलाई को दिया मंत्री पद से इस्तीफा

सिंहदेव ने यह संकेत देते हुए 16 जुलाई को पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री के अपने पद से इस्तीफा दे दिया था कि उन्हें राज्य सरकार में अलग-थलग कर दिया गया है. मुख्यमंत्री को लिखे अपने चार पन्नों के त्यागपत्र में, सिंहदेव ने दावा किया था कि वह वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए जन घोषणा पत्र (चुनाव घोषणापत्र) के अनुसार ग्रामीण विकास विभाग के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में असमर्थ हैं.

Also Read: छत्तीसगढ़ कांग्रेस में फूट : मंत्री टीएस सिंहदेव ने दिया इस्तीफा, भूपेश बघेल ने शाम को बुलाई CLP की बैठक
बघेल के ढाई साल पूरे होने दिखी टकरार

जून 2021 में, बघेल और सिंहदेव के बीच कुछ समय के लिए प्रतिद्वंद्विता तब सामने आई थी जब बघेल ने मुख्यमंत्री के रूप में ढाई साल पूरे किए थे. सिंहदेव के समर्थकों ने दावा किया था कि 2018 में हुई सहमति के अनुसार, बघेल के आधा कार्यकाल पूरा करने के बाद उन्हें (सिंहदेव) मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करना था. हालांकि, बाद में दोनों नेताओं के दिल्ली आने और पार्टी आलाकमान से मिलने के बाद सिंहदेव पीछे हट गए. हाल में उन्होंने सरगुजा जिले के हसदेव अरंड वन क्षेत्र में कोयला खदान परियोजनाओं का विरोध किया और संकेत दिया कि बघेल के साथ मतभेद अभी खत्म नहीं हुए हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें