Agra News. कोरोना काल में मौत की मॉकड्रिल से चर्चा में आए जिले के पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ अरिंजय जैन और एक अन्य डॉक्टर के खिलाफ जमानती वारंट जारी हुआ है. यह वारंट लापरवाही के कारण मौत होने और गाली गलौच के आरोप में जारी हुआ है. साथ ही 3 अन्य चिकित्सकों को कोर्ट ने सम्मन जारी किए हैं.
प्राप्त जानकारी के अनुसार कमला नगर निवासी अधिवक्ता राजेन्द्र गुप्ता ने ओल्ड विजय नगर कॉलोनी स्थित श्री राम बाबू गुप्ता हार्ट एंड मेडिसिन सेंटर में काम करने वाले डॉक्टर सुभाष चंद्र गुप्ता, डॉक्टर मंजू गुप्ता, कर्मचारी सुशील त्यागी, डॉक्टर एसएन यादव, पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ अरिंजय जैन और डॉ उपेंद्र सिंह के खिलाफ कोर्ट में परिवाद प्रस्तुत किया था. जिसमें उन्होंने जिक्र किया था कि उनकी पत्नी निर्मला गुप्ता की 3 अप्रैल 2020 की रात को तबीयत खराब हो गई थी. इसके बाद उन्होंने फोन से यह जानकारी डॉक्टर सुभाष चंद्र गुप्ता को दी तो उन्होंने डॉक्टर एसएन यादव से संपर्क करने के लिए कह दिया. जब राजेंद्र गुप्ता ने डॉक्टर एसएन यादव से बात की तो उन्होंने कहा कि समय पर उन्हें दवा दें और देखभाल करते रहें. इसके बाद उन्होंने फोन काट दिया. वहीं 4 अप्रैल 2020 की सुबह करीब 8:00 बजे राजेन्द्र गुप्ता की पत्नी की तबीयत खराब होने लगी तो वह अपनी पत्नी को श्री रामबाबू गुप्ता हार्ट एंड मेडिसिन सेंटर पर ले गए.
राजेंद्र गुप्ता ने बताया कि जब उन्होंने अपनी पत्नी को श्री राम बाबू गुप्ता हार्ट एंड मेडिसिन सेंटर पर भर्ती कराया तो उनसे काउंटर पर 2000 रुपये जमा कराने गए. जब उन्होंने हॉस्पिटल के कर्मचारी सुशील त्यागी से रसीद मांगी तो उन्हें अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया. इसके बाद वह अपनी पत्नी को आगरा दिल्ली हाईवे पर स्थित पारस अस्पताल में ले गए. जहां पर उनसे पत्नी को भर्ती कराने के बाद 16000 रुपये दवा के लिए और 2500 रुपये जमा करा लिए गए. कुछ देर बाद उनकी पत्नी को मृत घोषित कर दिया गया. इसी मामले में राजेंद्र गुप्ता द्वारा डाले गए परिवाद पर अदालत ने डॉक्टरों को तलब करने के आदेश दिए थे. और उनके हाजिर न होने पर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम अमित यादव ने डॉ अरिंजय जैन और उपेंद्र सिंह के खिलाफ जमानती वारंट जारी किए हैं व अन्य डॉक्टरों को सम्मन जारी किए हैं.
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रिपोर्ट : राघवेंद्र गहलोत