पटना. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने पटना जिले के फुलवारीशरीफ में जेहादी ट्रेनिंग और आरोपितों के पाकिस्तान सहित दूसरे देशों के कट्टरपंथियों से संबंध मामले में शनिवार को एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. समाचार एजेंसी एएनआइ ने गृह मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों के हवाले से इसकी पुष्टि की. सूत्रों के मुताबिक मामले में एनआइए ने गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत केस दर्ज किया है.
गृह मंत्रालय के काउंटर टेररिज्म एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन डिवीजन की ओर से जारी आदेश के बाद भारतीय दंड संहिता और गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्जकिया गया. हालांकि बिहार पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में एनआइए द्वारा केस दर्ज किये जाने संबंधित कोई आधिकारिक जानकारी नहीं होने की बात कही है.
इस मामले में केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की टीम पहले से ही पीएमएलए एक्ट के तहत पीएफआइ और एसडीपीआइ के फंडिंग की जांच कररही है. केंद्रीय एजेंसी मुस्लिम युवाओं को जेहादी ट्रेनिंग देने से लेकर कई जिलों में उनके चलने वाले कार्यालय के खर्च सहित कई बिंदुओं पर उनकी आय का पता लगारही है. यह पैसा हवाला से दूसरे देशों से पहुंचने की आशंका जतायी गयी थी.
पटना पुलिस ने इस मामले में 26 नामजद पर एफआइआर दर्ज की है, जबकि पांच लोगों को गिरफ्तारकिया है. इनमें अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को फुलवारी इलाके से जबकि उनकी निशानदेही पर मरगूब दानिश, अरमान मलिक और शब्बीर गिरफ्तारकिये गये. वे कथित तौर पर एक आतंकी मॉड्यूल चला कर मुस्लिम युवाओं का ब्रेनवॉश कररहे थे. इनमें परवेज और जलालुद्दीन सिमी का सदस्य है. शेष की गिरफ्तारी को लेकर भी बिहार के कई जिलों सहित दूसरे राज्यों की मदद से छापेमारी अभियान चलाया जारहा है.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस मामले में कट्टरपंथी संगठन पॉपुलेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ), सोशल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ इंडिया (एसडीपीआइ) और प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) की बड़ी भूमिका को देखते हुए एनआइए ने इस केस को अपने हाथ में लिया है.
एनआइए अब जांच के दौरान गिरफ्तारकिये गये लोगों के पास से मिले दस्तावेज व इलेक्ट्रॉनिक प्रमाणों के आधार पर दूसरे राज्य व देशों के कट्टरपंथियों के साथ उनके संबंधों को खंगालेगी. अब तक यूपी, राजस्थान, कर्नाटक, केरल राज्यों के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश, यमन आदि देशों में उनके लिंक का पता चला है. इसके साथ ही एनआइए ‘ गजवा-ए-हिंद ‘ और ‘ मार्खर ‘ वाट्सअप ग्रुप के जरिये आतंक फैलाने के उनके मंसूबों और जड़ों की भी तलाश करेगी.
फिलहाल इस मामले में आतंक निरोधक दस्ते के बयान पर पटना पुलिस के फुलवारीशरीफ थाने में केस दर्ज है, जिसकी जांच बिहार पुलिस की विभिन्न जांच एजेंसियों को मिला कर बनायी गयी एसआइटी कर रही हैं.