कोरोना संकट के ढाई सालों में युवा बड़ी संख्या में डायबिटीज से पीड़ित होने लगे हैं. कोरोना से ठीक हुए या बचे लोगों को नयी स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं. राजधानी के डायबिटीज रोग विशेषज्ञों के क्लीनिक या उनके अस्पतालों के ओपीडी रिकॉर्ड (एक हफ्ता का) की मानें, तो टाइप-टू डायबिटीज के 10 से 12 युवा परामर्श लेने आ रहे है.
वहीं टाइप-वन के एक हफ्ता में तीन से चार नये युवा मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं, जबकि पहले एक महीना में एक नया युवा मरीज परामर्श लेने आता था. देश के बड़े एंडोक्राइनोलॉजिस्ट ने अपने शोध का डाटा जारी कर इस नयी मुसीबत की जानकारी दी है.
उन्होंने अपने-अपने राज्यों के डाटा में बताया है कि 10 फीसदी डायबिटीज के मरीज 25 साल से नीचे के हैं. विशेषज्ञ डॉक्टर जब युवाओं में शुगर लेवल की जांच कर रहे हैं, तो यह काफी अधिक पाया जा रहा है. कई में शुगर के साथ-साथ मोटापा भी कारण माना जा रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि अगर यही हाल रहा, तो आनेवाले कुछ समय में डायबिटीज पीड़ित युवा मरीजों की संख्या झारखंड में बढ़ जायेगी.