Bihar News: पिंटु राणा की गिरफ्तारी के बाद अब लोगों ने राहत की सांस ली है. दुर्दांत नक्सली पिंटू ने एक नहीं बल्कि कई नक्सल वारदात को अंजाम दिया था, जिसमें भेलवाघाटी नरसंहार की यादें आज भी लोगों के मन में खौफ पैदा कर देती है. जिस दस्यू गिरोह ने इस घटना को अंजाम दिया था उसमें पिंटू राणा भी शामिल था. जानकारी के अनुसार 11 सितंबर, 2005 की रात भेलवाघाटी गांव में नक्सलियों ने ग्राम रक्षा दल पर हमला किया था.
लोगों ने नक्सलियों को अपने गांव से दूर रखने के लिये ही ग्राम रक्षा दल का गठन किया था, यही बात नक्सलियों को नागवार गुजरी. माओवादियों ने 11 सितंबर 2005 को गांव पर हमला कर दिया और पूरे गांव को घेर कर कब्जे में लेकर गांव के घरों को बाहर की तरफ से बंद कर दिया. इसके बाद ग्राम रक्षा दल के सदस्यों को एक-एक कर घर से बाहर निकाल कर गांव के बीच चौराहे पर जन अदालत लगाया. जन अदालत में ग्राम रक्षा दल के सदस्यों को मौत की सजा देने का फरमान जारी किया.
इसके बाद माओवादियों ने बीच चौराहे पर ही खून की होली खेल कर ग्राम रक्षा दल के सदस्यों की जम कर पिटाई करने के बाद किसी को गोली मार कर तो किसी की गला रेत कर मौत का घाट उतार दिया. इस घटना में मजीद अंसारी, अशोक हाजरा, जमाल अंसारी, मुंशी मिंया, मंसूर अंसारी, हमीद अंसारी, गणेश साव, कलीम अंसारी, दिलमुहम्मद मिंया, रामचन्द्र हाजरा, रज़्ज़ाक अंसारी, चेतन सिंह, सिराज अंसारी, मकसूद अंसारी, युसूफ अंसारी, कलीम मिंया 2 और जनसु मुर्मू की निर्मम हत्या कर दी गयी थी.
Also Read: झारखंड के प्रथम सीएम बाबूलाल मरांडी के बेटे को उतारा था मौत के घाट, गिरफ्तार नक्सली पिंटू राणा को जानें
नक्सली पिंटू राणा के गिरफ्तार होने के बाद जेबी जोन में नक्सल संगठन का बैकफुट पर आना तय माना जा रहा है. एक-एक कर नक्सलियों के मारे जाने या पकड़े जाने के बाद वर्तमान में पिंटू राणा ही था, जो संगठन को जिले में चला रहा था. लेकिन उसे भी पत्नी के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है.
नक्सली पिंटू राणा का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है. चिलखारी नरसंहार में एक साथ 35 लोगों की हत्या से लेकर उसने भेलवाघाटी में एक ही रात 11 लोगों को मौत के घाट उतारने में भी अपनी भागीदारी निभाई थी.
Posted By: Thakur Shaktilochan