Sri Lanka: श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को देश से बाहर निकलने में भारत द्वारा मदद की अफवाहों पर उच्चायुक्त गोपाल बागले ने प्रतिक्रिया दी है. श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त गोपाल बागले ने कहा कि इस बात में कोई सच्चाई नहीं है. गोपाल बागले ने कहा कि श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति ने जो फैसला लिया वो उनका अपना फैसला था. इसका हमसे किसी भी तरह का कोई लेना-देना नहीं है.
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले (Gopal Baglay) ने कहा कि श्रीलंका हमारा सबसे निकटतम समुद्री मित्र है, ऐसे में श्रीलंका के लोगों को जब मदद की जरूरत है और उन्होंने भारत से मदद मांगी है तब भारत ने भी बड़ी तत्परता से उनकी ऐसी मदद की है, जो भारत ने अभी तक किसी भी देश की नहीं की है. गोपाल बागले ने कहा कि हम श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में निवेश के माध्यम से और अधिक क्षमता निर्माण के माध्यम से भी योगदान देना चाहेंगे, ताकि श्रीलंका आर्थिक सुधार के लिए एक त्वरित रास्ता खोज सके. उन्होंने कहा कि भारत हमेशा श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा रहा है.
बता दें कि इससे पहले शनिवार को कोलंबो में भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले ने स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्द्धने (Mahinda Yapa Abeywardena) से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत निरंतर श्रीलंका में लोकतंत्र, स्थिरता और आर्थिक सुधारों का समर्थन करता रहेगा. अभयवर्धने से मुलाकात पर भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट करते हुए लिखा, बैठक में भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले ने अहम मोड़ पर लोकतंत्र और संवैधानिक ढांचे को बनाए रखने में संसद की भूमिका की सराहना की. उन्हें यह बताया कि भारत श्रीलंका के लोकतंत्र, स्थिरता और आर्थिक बहाली में सहयोग करता रहेगा.