पटना. फुलवारी में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) की आड़ में देश विरोधी गतिविधियों से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी और इनके पाकिस्तान, बांग्लादेश व आइएसआइ से संबंध होने की जानकारी मिलने के बाद इस संगठन को प्रतिबंधित करने की तैयारी की जा रही है. सूत्रों के अनुसार, इसके लिए पुलिस मुख्यालय में विचार-विमर्श भी शुरू हो चुका है. एनआइए व आइबी भी मामले जांच कर रही है. ये एजेंसियां भी संगठन को प्रतिबंधित करने के लिए अनुशंसा कर सकती हैं. जांच में यह पता चला है कि पीएफआइ द्वारा प्रशिक्षण के लिए करीब एक करोड़ रुपये खर्च किये गये थे. यह भी जानकारी मिली है कि दोहा से सारी रकम पीएफआइ को मिली थी.
पुलिस टीम ने जब गजवा-ए-हिंद से जुड़े लोगों के नाम व नंबर के आधार पर खोजबीन शुरू की, तो उन लोगों ने अपने-अपने मोबाइल फोन को स्वीच ऑफ कर लिया. हालांकि, पुलिस इन सभी के घर पर पहुंच कर सत्यापन करेगी. इसके लिए पूरी लिस्ट तैयार करा ली गयी है और संबंधित थानों को जिम्मेदारी सौंप दी जायेगी.
पीएफआइ के राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन 24 जुलाई को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में होने वाला था. खास बात यह है कि इस सम्मेलन में केरल, झारखंड, यूपी, राजस्थान, दिल्ली, मुंबई आदि से करीब दो हजार लोग जुटने वाले थे. इसके लिए पूरी तैयारी हो चुकी थी और सभी को आमंत्रण पत्र भी बांटा जा चुका था. लेकिन, इससे पहले ही फुलवारीशरीफ के नया टोला से रिटायर्ड दारोगा मो जलालुद्दीन और अतहर परवेज को गिरफ्तार कर लिया गया. साथ ही बड़े पैमाने पर देश विरोधी व भड़काऊ पोस्टर व पर्चे बरामद किये गये थे. इसके बाद ही पूरे राज्य में छापेमारी शुरू हो गयी और मरगूव दानिश अहमद उर्फ ताहिर की भी गिरफ्तारी की गयी.
अब रियाज उर्फ रियाज फरंगीपेट की तलाश है. वह पीएफआइ का राष्ट्रीय स्तर का नेता है व एसडीपीआइ का बिहार प्रभारी है. रियाज मूल रूप से दक्षिण केरल के बनतवाल माजापे बंटवाल का रहने वाला है. सूत्रों का कहना है कि वह काफी दिनों से अतहर के संपर्क में था और पटना के फुलवारीशरीफ में भी कुछ दिन रह चुका है. इसे थानाध्यक्ष एकरार अहमद के दिये गये बयान के आधार पर नामजद अभियुक्त बनाया गया है. पटना पुलिस इसे पकड़ने के लिए जल्द ही केरल रवाना होगी. इसमें एनआइए व आइबी भी मदद करेगी.