National Junk Food Day 2022: पिज्जा, बर्गर, चाउमीन जैसे जंक फूड को तो कई लोग पसंद करते हैं. कामकाज में व्यस्त लोग वैसा भोजन पसंद करते हैं जो आसानी से और कम समय में तैयार हो जाये. इसी जरूरत को पूरा करने के लिए लोग फास्ट फूड का खूब प्रयोग कर रहे हैं. आज राष्ट्रीय जंक फूड दिवस मनाया जा रहा है.
राष्ट्रीय जंक फूड दिवस एक ऐसा दिन है जो आपको उन खाद्य पदार्थों को कम करने की अनुमति देता है जो आप आमतौर पर नहीं करते हैं. जंक फूड में बहुत अधिक कैलोरी, नमक, चीनी और वसा होते हैं. फास्ट फूड आहार के अंतर्गत कई प्रकार के खाद्य पदार्थ आते हैं. कुछ नियम और सावधानी के साथ इसका प्रयोग किया जाए तो फास्ट फूड के कई लाभ भी हैं.
फास्ट फूड बनाने में समय कम लगता है जिस कारण से इसके सेवन से समय की भी बचत होती है. इसी कारण से आज लगभग हरेक जगह फास्ट फूड का दुकान मिल जाता है. जिस कारण आसानी से यह उपलब्ध हो जाता है और इसके सेवन से लोगों को समय की बचत भी होती है. फास्ट फूड से बनाने वाले व खाने वाले दोनों को समय की बचत होती है.
लोग जंक फूड खाने में परहेज करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि बहुत ज्यादा कैलोरीज व बहुत ज्यादा मात्रा में फैट (वसा) से उनकी शरीर पर बुरा नुकसान पहुंच सकता है. उदाहरण के तौर पर पनीर, मयोनीज, विशेष प्रकार के चटनी, सोडा इत्यादि. इसके अलावा फल, सलाद, सब्जी, साबुत अनाज इत्यादि का सेवन भी अलग से करते रहना चाहिए ताकि शरीर में पोषक तत्व की कमी न हो. इसके अलावा वजन कम करने के लिए फास्ट फूड आहर का सेवन के साथ-साथ नियमित रूप से कुछ व्यायाम या पैदल चलना भी चाहिए.
आपको बता दें कि जंक फूड शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले 1972 में किया गया था और इसका उद्देश्य था ज्यादा कैलोरी और कम पोषक तत्वों वाले खाद्य पदार्थो की तरफ लोगों का ध्यान खींचना. वैसे तो जंक फूड का खान-पान हानिकारक नहीं है, लेकिन खानपान में संतुलित आहार की कोई कमी न हो तो.
इस प्रकार खाद्य पदार्थ के चुनाव व बनाने के तरीका में थोड़ा फेरबदल करके फास्ट फूड को भी स्वास्थ्यवर्धक व पौष्टिक बनाया जा सकता है. फास्ट फूड के सेवन में यह ख्याल रखना चाहिए कि ग्रिल्ड सैंडविच खा सकते हैं पर बिना मयोनीज के. सौस का प्रयोग कम से कम करें. रिफाइंड ऑइल का प्रयोग करें. लीनर मिट्स व सब्जियों से तैयार चीजों को अधिक खाएँ. सोडा व ड्रिंक्स पीने से बचें.
गर्भावस्था में गलत खानपान से आने वाले बच्चे को आजीवन मोटापे, हाई कोलेस्ट्रॉल व ब्लड शुगर का खतरा हो सकता है. जी हाँ, अगर गर्भावस्था और स्तनपान के समय, डोनट्स, माफिन, कुकीज, चिप्स और मिठाई जैसे प्रोसेस्ड जंक फूड खाए जाए तो उनके होने वाले बच्चों में कोलेस्ट्रॉल और रक्त में वसा का स्तर ज्यादा पाया जाता है. वहीं कई बार जंक फूड के सेवन और मोटापा से महिलाओं में हार्मोन की कमी हो जाती है जिससे वे बांझपन की शिकार हो सकती हैं.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.