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फिल्ममेकर अविनाश दास को गुजरात पुलिस ने किया गिरफ्तार, बुधवार को होगी कोर्ट में पेशी

पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) चैतन्य मांडलिक ने कहा, "अविनाश दास को बुधवार सुबह चार बजे आधिकारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया. अब हम उनके सोशल मीडिया अकाउंट की पड़ताल कर रहे हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने कहीं अतीत में भी तो कोई अन्य आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट नहीं की.

अहमदाबाद: गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एक तस्वीर ट्विटर पर साझा करने के मामले में बुधवार को फिल्म निर्माता अविनाश दास को गिरफ्तार कर लिया. क्राइम ब्रांच की एक टीम ने अविनाश दास को मंगलवार को मुंबई स्थित उनके आवास से हिरासत में लिया और बुधवार तड़के उन्हें यहां लाया.

अदालत में पेश कर उनका रिमांड मांगेंगे

पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) चैतन्य मांडलिक ने कहा, ” अविनाश दास को बुधवार सुबह चार बजे आधिकारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया. अब हम उनके सोशल मीडिया अकाउंट की पड़ताल कर रहे हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने कहीं अतीत में भी तो कोई अन्य आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट नहीं की. हम उन्हें अदालत में पेश कर उनका रिमांड मांगेंगे.” बता दें कि उन्हें आज अदालत में पेश किया जाएगा.

हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप

अपराध शाखा ने बुधवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि उसे अविनाश दास द्वारा पोस्ट किए गए एक और ट्वीट का पता चला है, जो आपत्तिजनक प्रतीत होता है तथा इससे हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है. इसे अविनाश दास के ट्विटर हैंडल पर एक मई 2016 को अपराह्न 2.19 बजे पोस्ट किया गया था.

‘अनारकली ऑफ आरा’ की वजह से चर्चा में आये

अविनाश दास ने स्वरा भास्कर, संजय मिश्रा और पंकज त्रिपाठी अभिनीत 2017 में आई फिल्म ‘अनारकली ऑफ आरा’ और 2021 में आई फिल्म ‘रात बाकी है’ का निर्देशन किया था. उन्होंने ‘शी’ नाम की एक नेटफ्लिक्स सीरीज़ का भी निर्देशन किया था. अहमदाबाद अपराध शाखा ने फिल्म निर्माता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 469 (जालसाजी) के साथ-साथ राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी.

राष्ट्र ध्वज के अपमान का भी आरोप

उनपर राष्ट्र ध्वज के अपमान का भी आरोप है. अविनाश दास (46) के खिलाफ प्राथमिकी जून में दर्ज की गई थी, जब उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा धनशोधन के मामले में गिरफ्तार की गई आईएएस अधिकारी सिंघल की एक तस्वीर साझा की थी. प्राथमिकी के अनुसार, फोटो के कैप्शन में अविनाश दास ने दावा किया था कि तस्वीर सिंघल की गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले ली गई थी, जबकि यह वास्तव में 2017 में ली गई थी.

अमित शाह की छवि खराब करने के इरादे से

अपराध शाखा ने आरोप लगाया था कि शाह की छवि खराब करने के इरादे से ऐसा किया गया. इंस्टाग्राम और फेसबुक अकाउंट पर राष्ट्रीय ध्वज पहने एक महिला की तस्वीर साझा कर राष्ट्रीय गौरव का अपमान करने के आरोप में भी फिल्म निर्माता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. यहां की एक सत्र अदालत ने जून में दास की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि उन्होंने जानबूझकर यह दावा किया कि शाह की सिंघल के साथ तस्वीर आईएएस अधिकारी की गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले ली गई थी. अदालत ने कहा कि इसका मकसद “गृह मंत्री की छवि खराब करना” था.

अविनाश दास की ‘‘मानसिक विकृति” को दर्शाती है

अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि राष्ट्रीय ध्वज में लिपटी एक महिला की तस्वीर अविनाश दास की ‘‘मानसिक विकृति” को दर्शाती है. बाद में, गुजरात उच्च न्यायालय ने भी उनकी अग्रिम जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि दास ने तिरंगे से बनी पोशाक पहने एक व्यक्ति की पेंटिंग प्रसारित कर राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. बंबई उच्च न्यायालय ने भी दास की ट्रांजिट अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी.

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