Lucknow: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के आह्वान पर बुधवार को प्रदेश भर के स्वास्थ्य कर्मियों ने काला फीता बांधकर प्रदर्शन किया. कर्मचारी सुबह अस्पतालों में इकठ्ठा हुए और जोरदार प्रदर्शन किया. उन्होंने नारेबाजी करते हुए अनियमित तबादलों को निरस्त करने की मांगी.
स्वास्थ्य कर्मियों का समर्थन करते हुए कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि अधिकारी शासन की स्थानांतरण नीति का पालन नहीं कर रहे हैं. बल्कि मनमानी तरीके से मान्यता प्राप्त संघों के अध्यक्ष, मंत्री, दाम्पत्य नीति, दिव्यांग, दिव्यांग आश्रित, 2 वर्ष से कम अवधि में सेवानिवृत्त होने वाले व गंभीर रोग से ग्रसित कर्मियों का भी तबादला कर दिया गया है. जबकि शासन की नीति में इनको स्थानांतरण से मुक्त रखने के निर्देश हैं.
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राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत ने कहा कि नीति के अनुसार समूह ग के कर्मियों का केवल पटल परिवर्तन किया जाना था. लगभग सभी जनपदों में 80 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों का पटल परिवर्तन के नाम शोषण करते हुये तबादला कर दिया गया. उन्हीं कर्मचारियों का बाद में स्वास्थ्य महानिदेशालय से अन्य जनपद स्थानांतरण कर दिया गया. इसमें अनेक पदाधिकारी, दिव्यांग, दिव्यांग आश्रित, दाम्पत्य नीति, गंभीर रूप से बीमार, 02 वर्ष से कम समय में सेवानिवृत्ति होने वाले कर्मियों को भी नहीं छोड़ा गया.
डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप बडोला व महामंत्री उमेश मिश्रा ने कहा कि प्रदेश के समस्त जनपदों का फार्मासिस्ट स्वास्थ्य विभाग से किये गये स्थानांतरण व पटल परिवर्तन से आक्रोशित है. सभी फार्मासिस्ट घोषित आंदोलन को पूर्ण मनोयोग से सफल बनाने में जुटे हैं.
नेत्र परीक्षण अधिकारी संघ के अध्यक्ष जीएम सिंह व डेंटल हाईजनिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री राजीव तिवारी ने कहा कि कोरोना वारियर्स का तबादलों के नाम पर किया गया शोषण उचित नहीं है. लैब टेक्नीशियन एसो. के सचिव कमल श्रीवास्तव व मीडिया प्रभारी सुनील कुमार ने कहा कि कोविड-19 में लैब टेक्नीशियन ने फ्रंट लाइन में कार्य कर जांचे की. ड्यूटी के दौरान कर्मचारी दिवंगत भी हो गये. इसके बाद स्थानांतरण के नाम पर शोषण करके शासन व विभाग के अधिकारी सरकार की छवि खराब करने में महत्वपूर्ण योगदान निभा रहे हैं.
परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने कहा कि अनियमित स्थानांतरण की साक्ष्यों सहित जानकारी उपलब्ध कराने के बावजूद महानिदेशालय गलत स्थानांतरण निरस्त करने में हीलाहवाली कर रहा है. साथ ही जनपदों के अधिकारियों को स्थानांतरित कार्मियों को तत्काल कार्यमुक्त करने के निर्देश जारी किए गये है. जिससे स्थिति विपरीत हो रही है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का काला फीता बांधकर प्रदर्शन पूरी तरह से सफल रहा. 25 जुलाई को सभी सीएमओ कार्यालयों पर धरना और 26 से 30 जुलाई तक दो घंटे कार्य बहिष्कार किया जायेगा.