रांची : मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसे सीए सुमन कुमार ने ईडी पर गंभीर आरोप लगाया है, उन्होंने कहा कि राजनेताओं व अफसरों का नाम लेने के लिए मुझ पर दबाव बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मेरे साथ मारपीट भी किया गया है. उन्होंने शपथ पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत में एक शपथ पत्र दायर कर ये आरोप लगाया है. साथ ही इडी अधिकारियों के समक्ष बयान में किये गये दावों को वापस करने का अनुरोध किया है.
सीए ने इडी को दिये बयान में अपने पास से जब्त रुपये का एक बड़ा हिस्सा आइएएस पूजा सिंघल के होने का दावा किया था. अब वह पूरी रकम अपना और अपने क्लाइंट का बता रहा है. उसने 1000 से अधिक क्लाइंट होने और करीब 100 करोड़ रुपये का वार्षिक पोर्टफोलियो होने का दावा किया है.
सीए सुमन कुमार द्वारा दायर शपथ पत्र में है कि छापेमारी में उसके घर से 17.79 करोड़ रुपये जब्त हुए थे. पूरा पैसा उसका, उसके व्यापारिक प्रतिष्ठान और क्लाइंट का है. इडी के अधिकारियों ने घर में ही उसे पीटा. चीख-पुकार सुन कर पत्नी आयी, लेकिन उसे महिला कांस्टेबल ने रोक दिया. इसके बाद इडी के अधिकारी उसे इस्टर्न मॉल स्थित दफ्तर ले गये और वहां भी टाॅर्चर किया.
दफ्तर में भी उसने जब्त पैसों को अपना और अपने क्लाइंट का बताया, लेकिन इडी के अधिकारी नहीं माने. इडी के अधिकारी उस पर पूजा सिंघल और सीनियर राजनेताओं का नाम लेने के लिए लगातार दबाव डाल रहे थे. इडी के एक अधिकारी ने कहा कि ‘यह ऐसे नहीं मानेगा. ऑफिस लेकर चलो. धुलाई रूम में इससे लिखवायेंगे.’ इसके बाद उसे समन दिया गया.
वह सात मई को सुबह 7.30 बजे इडी दफ्तर पहुंचा. वहां घंटों टार्चर किया गया. यह कहा गया कि पूजा सिंघल और सीनियर राजनीतिज्ञों का नाम लिख दो और घर चले जाओ. ऐसा नहीं करने पर इडी के अधिकारियों ने उसे डराया और उसके पारिवारिक सदस्यों की गिरफ्तारी का दस्तावेज (अरेस्ट मेमो) टाइप करने लगे. पारिवारिक सदस्यों की सुरक्षा के मद्देनजर उसने इडी की बात मान ली और उनके कहे अनुसार हर जगह दस्तखत करने के लिए तैयार हो गया.
सात मई की शाम सात बजे उसे मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया. वहां उसने मीडिया को दिये बयान में कहा कि इडीवाले उस पर दबाव डालते हैं. कभी कहते हैं कि पूजा सिंघल का नाम लो. कभी कहते हैं सीएम का नाम लो और कभी कहते हैं कि विनय चौबे का नाम लो. सीए सुमन कुमार ने यह आरोप भी लगाया है कि सीसीटीवी के सामने उसका बयान रिकॉर्ड करने से पहले उसे एक दूसरे कमरे में ले जाया गया. वहां यह बताया गया कि सीसीटीवी लगे कमरे में अपना बयान रिकॉर्ड कराते वक्त क्या-क्या बोलना है.
इडी के दबाव के कारण वह काफी हताश था. हताशा में ही उसने अपने बयानों को फाड़ दिया. इसके बाद उससे नये सिरे से पिछले सात दिनों का बयान लिखवाया गया और बैक डेट पर दस्तखत कराया गया. सीए ने इस सीसीटीवी फुटेज को मंगाने का अनुरोध कोर्ट से किया है.
Posted By: Sameer Oraon