Uttar Pradesh News: पीडब्ल्यूडी तबादला धांधली को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार ऐक्शन मोड में है. मंत्री जितिन प्रसाद के ओएसडी एके पांडेय को हटाए जाने के बाद अब चीफ इंजीनियर समेत 5 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. लोक निर्माण विभाग में तबादलों में भ्रष्टाचार पर अफसरों पर गाज गिरने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों को नसीहत दी है. सीएम ने कहा है कि वह अपने दफ्तर और निजी स्टाफ पर आंख मूंद कर भरोसा न करें. उन्होंने कहा कि अपने दफ्तर और घर के स्टाफ पर नजर रखें. मंत्री ध्यान रखें कि उनका स्टाफ क्या कर रहा है.
मंगलवार को लोक भवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्री ईमानदारी और पारदर्शिता से काम करें. भ्रष्टाचार और अनियमितता की एक भी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. तबादलों में खेल को देखते हुए सीएम ने कहा कि फाइलों पर जल्दबाजी में दस्तखत न करें. कोई भी फैसला मेरिट के आधार पर ही करें. तबादला धांधली में सोमवार को मंत्री जितिन प्रसाद के ओएसडी एके पांडेय के खिलाफ कार्रवाई के बाद से यह माना जा रहा था कि इस मामले में विभाग के कई बड़े अफसरों पर कार्रवाई तय है.
बता दें कि मंगलवार को दिनभर कई स्तर पर बैठकों के बाद विभागाध्यक्ष इंजीनियर इन चीफ मनोज कुमार गुप्ता तथा प्रमुख अभियंता (परिकल्प एवं नियोजन) राकेश सक्सेना के खिलाफ कार्रवाई हुई. वहीं सीएम योगी ने कहा कि भ्रष्टाचार, अनियमितता की एक भी घटना स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने कहा कि निर्णय योग्यता के आधार पर लें और जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह नसीहत मंगलवार को लोकभवन में मंत्रिमंडलीय समूह की बैठक के दौरान दी.