20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सरकार ने पेट्रोल-डीजल के निर्यात पर लगने वाले टैक्स में की कटौती, रिफाइनरियों को होगा फायदा

24 फरवरी को रूस की ओर से यूक्रेन पर शुरू की गई सैन्य कार्रवाई के बाद यूरोप समेत अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भी तेजी से इजाफा होने लगा. अमेरिका समेत कई देश रूस और अन्य तेल उत्पादक देशों से सस्ती दरों पर कच्चे तेल की खरीद करके उसे रिफाइन करके विदेशों में सप्लाई करने लगे.

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में गिरावट आने के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल और विमान ईंधन के निर्यात पर लगने वाले टैक्स में कटौती करने का ऐलान किया है. अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने घरेलू खुदरा बाजार में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए पेट्रोल-डीजल और विमान ईंधन के निर्यात पर लगने वाले अप्रत्याशित लाभ कर में बढ़ोतरी करने का फैसला किया था. सरकार के इस फैसले से घरेलू स्तर पर कच्चे तेल को रिफाइन कर निर्यात करने वाली रिफाइनरियों को फायदा होगा.

पेट्रोल के निर्यात पर लगने वाला टैक्स पूरी तरह समाप्त

बुधवार को वित्त मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि सरकार ने पेट्रोल के निर्यात पर लगने वाले टैक्स में छह रुपये की कटौती की है. इसके साथ ही, विमान ईंधन के निर्यात पर भी छह रुपये लगने वाले टैक्स को कम करके चार फीसदी किया गया है. वहीं, डीजल पर लगने वाले टैक्स को 13 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 11 रुपये कर दिया गया है. कुल मिलाकर यह कि सरकार ने पेट्रोल के निर्यात पर लगने वाले टैक्स को पूरी तरह समाप्त कर दिया है, जबकि विमान ईंधन और डीजल के निर्यात पर लगाने वाले टैक्स में दो रुपये प्रति लीटर की दर से कटौती की गई है. इसके साथ ही, घरेलू कच्चे तेल उत्पाद पर 23,250 रुपये अतिरिक्त कर को घटा कर 17,000 रुपये प्रति टन किया गया है.

सरकार ने 19 दिनों में ही लिया यूटर्न

बता दें कि भारत में घरेलू स्तर पर उत्पादित किए गए कच्चे तेल के निर्यात पर सरकार ने अभी 19 दिन पहले ही एक जुलाई को भारी-भरकम टैक्स लगाया था. उस समय सरकार ने पेट्रोल, विमान ईंधन और डीजल के निर्यात पर टैक्स लगाया था. सरकार की ओर से एक जुलाई 2022 को जारी अधिसूचना में पेट्रोल और विमान ईंधन के निर्यात पर छह रुपये और डीजल के निर्यात पर 13 रुपये प्रति लीटर का टैक्स लगाया गया था. सरकार ने इन 19 दिनों के अंदर ही अपने फैसले पर यूटर्न लेते हुए ईंधन के निर्यात पर लगने वाले टैक्स में कटौती करने का ऐलान किया है.

Also Read: मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल के निर्यात पर लगाया टैक्स, US-यूरोप को तेल बेचकर मुनाफा कमा रहीं रिफाइनरियां
यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई के बाद बढ़े कच्चे तेल के दाम

दरअसल, 24 फरवरी 2022 को रूस की ओर से यूक्रेन पर शुरू की गई सैन्य कार्रवाई के बाद यूरोप समेत अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की किल्लत के साथ ही उसकी कीमतों में भी तेजी से इजाफा होने लगा. इस दौरान अमेरिका समेत कई देश रूस और अन्य तेल उत्पादक देशों से सस्ती दरों पर कच्चे तेल की खरीद करके उसे रिफाइन करके विदेशों में सप्लाई करने लगे. भारत की ओर से घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल को रिफाइन करके अमेरिका, ब्रिटेन समेत यूरोपीय देशों को बेचा जाता है. उधर, सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के असर से घरेलू उपभोक्ताओं को बचाने के लिए पेट्रोल-डीजल और विमान ईंधन के निर्यात के पर लगाम लगाने के उद्देश्य से रिफाइनरियों को होने वाले अप्रत्याशित लाभ पर लगने वाले टैक्स में बढ़ोतरी करने का फैसला किया था.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें