पटना. राज्य सरकार ने किसानों को सूखे की स्थिति से निबटने के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में किसानों को खरीफ फसल की पटवन के लिए 60 रुपये प्रति लीटर डीजल अनुदान देने का फैसला लिया गया है. अनियमित मॉनसून और सूखे जैसी स्थिति से निबटने के लिए कैबिनेट द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में बिहार आकस्मिकता निधि से कुल 29 करोड़ 95 लाख की अग्रिम स्वीकृति दी गयी है. इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में कुल नौ प्रस्तावों पर सहमति दी गयी. कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डाॅ एस सिद्धार्थ ने बताया कि खरीफ फसलों के एक एकड़ पर 60 रुपये प्रति लीटर का अनुदान दिया जायेगा. एक एकड़ क्षेत्र में 10 लीटर डीजल खपत होने का अनुमान हैं.
ऐसे में खरीफ फसलों की सिंचाई के लिए प्रति एकड़ 600 रुपये की दर से डीजल अनुदान दिया जायेगा. अधिकतम पांच एकड़ खरीफ फसलों के लिए डीजल अनुदान दिया जायेगा. डाॅ एस सिद्धार्थ ने बताया कि एक किसान को धान का बिचड़ा बचाने और जूट की फसल की दो सिंचाई के लिए 1200 रुपये प्रति एकड़ की दर से डीजल अनुदान दिया जायेगा. धान, मक्का व अन्य खरीफ फसलों, दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगंधित पौधों की एक ही खेती के लिए अधिकतम तीन सिंचाई के लिए लिए 1800 रुपये प्रति एकड़ की दर से डीजल अनुदान दिया जायेगा.
पटना. पीडीएस डीलरों और खाद्य की ढुलाई कीदर में वृद्धि पर कैबिनेट ने मुहर लगायी है. यह एक अप्रैल, 2022 के प्रभाव से लागू होगा. पीडीएस दुकानों को परिवहन के लिए केंद्रीय सहायता की राशि 32.50 रुपये से बढ़ाकर 35 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है. कमीशन में केंद्रीय सहायता एवं राज्यांश की राशि को 35-35 रुपये से बढ़ाकर 45-45 रुपये प्रति क्विंटल की गयी है. इससे डीलरों का कमीशन 90 रुपये प्रति क्विंटल हो जायेगा.
अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि पीडीएस दुकानों का नया लाइसेंस जारी करने के लिए जिलास्तरीय कमेटी द्वारा पहले औपबंधिक सूची जारी की जायेगी. फिर 15 दिनों तक दावा- आपत्ति का समय दिया जायेगा. इसके बाद चयनित दुकानदारों की अंतिम सूची जारी की जायेगी. अंतिम अनुशंसा के बाद भी किसी व्यक्ति को आपत्ति होने पर वह प्रमंडलीय आयुक्त के यहां अपील कर सकता है.
बिहार राजस्व कर्मचारी नियमावली 2011 और बिहार राजस्व कर्मचारी संवर्ग (संशोधन) नियमावली 2013 को पुनर्जीवित किया गया है. बिहार अमीन सह राजस्व कर्मचारी संवर्ग नियमावली 2022 के प्रभावी होने के बाद अमीन एवं राजस्व कर्मचारी संवर्ग के कर्मियों का विभाग स्तर से मॉनिटरिंग करने में अधिक कठिनाई हो रही थी. इसे देखते हुए नयी नियमावली को निरस्त कर दिया गया.