पेटरवार प्रखंड का बूढ़नगोड़ा गांव स्थित दिगवार परिवार इन दिनों जैविक खेती को लेकर राज्य स्तर पर चर्चा में है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तक ने जैविक खेती से तैयार इनके आलू को अपने यहां मंगाया है. इस आलू की बाजार में भी इतनी मांग है कि बाजार से दोगुनी कीमत में खरीदने के लिए लोगों का तांता लग जाता है. बताया गया कि पिछले वर्ष जब बाजार में रासायनिक खाद से तैयार आलू की कीमत 15 रुपया प्रति किलोग्राम थी, तब जैविक खेती से तैयार इनके आलू को 40 रुपया प्रति किलो की दर से खरीदने वालों की लूट मच गई थी. इसकी वजह यह है कि रासायनिक खाद से तैयार आलू सेहत पर उसका प्रतिकूल प्रभाव डालता है. जबकि जैविक खेती से तैयार आलू सेहत के लिए लाभप्रद साबित होता है. राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख भी बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में प्रदर्शनी के दौरान जैविक खेती के लिए इस परिवार की प्रशंसा कर चुके हैं. लाल बहादुर शास्त्री सेवा समिति एवं चित्रगुप्त महापरिवार बोकारो तथा उच्च शिखर संस्था समेत अन्य कई संस्थाओं ने इसके लिए इन्हें सम्मानित भी किया है. दिगवार परिवार ने आलू के अलावा हल्दी, बाजरा, अरबी, काला मूंग, बीट, अरहर, लहसुन, पालक आदि की खेती भी जैविक खेती से की और उसकी भी बाजार में काफी मांग थी. इसके अलावा 50 डिसमिल भूमि पर एक प्लांटेशन भी तैयार किया जा रहा है.
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जैविक खेती कर चर्चा में आया झारखंड का दिगवार परिवार, नितिन गडकरी ने भी मंगाया आलू
पेटरवार प्रखंड का बूढ़नगोड़ा गांव स्थित दिगवार परिवार इन दिनों जैविक खेती को लेकर राज्य स्तर पर चर्चा में है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तक ने जैविक खेती से तैयार इनके आलू को अपने यहां मंगाया है. इस आलू की बाजार में भी इतनी मांग है कि बाजार से दोगुनी कीमत में खरीदने के लिए लोगों का तांता लग जाता है.
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