नई दिल्ली : महंगाई और गेहूं-चावल के साथ खाने-पीने वाले कुछ जरूरी सामानों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाए जाने और रक्षा सेवाओं में भर्ती की अग्निपथ योजना जैसे मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बाद मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई. एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे जैसे ही सदन की बैठक शुरु हुई, वैसे ही विपक्षी दलों ने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी. विपक्षी सदस्य महंगाई के खिलाफ नारबाजी कर रहे थे और सरकार से कई आवश्यक पैकेट बंद खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाए जाने के फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे थे.
हंगामे के बीच ही उपसभापति हरिवंश ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से सामूहिक संहार के आयुध और उनकी परिदान प्रणाली (विधि विरूद्ध क्रियाकलापों का प्रतिषेध) संशोधन विधेयक, 2022 पेश करने को कहा. उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से अनुरोध किया कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण विधेयक है, इसलिए वे व्यवधान ना उत्पन्न करें. हालांकि, हंगामे के बीच ही जयशंकर ने यह विधेयक पेश किया.
उपसभापति हरिवंश ने हंगामा कर रहे सदस्यों से बार-बार अनुरोध किया कि वे अपने स्थानों पर लौट जाएं और विधेयक पर चर्चा होने दें लेकिन उनकी एक ना सुनी गई. लिहाजा, उन्होंने पांच मिनट के भीतर ही सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी. इससे पहले, सुबह भी सदन की कार्यवाही आरंभ होने के पांच मिनट के भीतर ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी.
मंगलवार की सुबह जैसे ही उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कुछ कहना चाहा, लेकिन सभापति एम वेंकैया नायडू ने उन्हें अनुमति नहीं दी. इसके बाद सभापति ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. नायडू ने बताया कि नियम 267 के तहत खड़गे सहित कई अन्य सदस्यों ने महंगाई और अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस दिए हैं, लेकिन उन्होंने उन्हें स्वीकार नहीं किया है. उन्होंने कहा कि अन्य मौकों पर इन मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है. इस पर विरोध जताते हुए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया.
बता दें कि सोमवार को सत्र के पहले दिन भी इन्हीं सब मुद्दों पर हंगामे की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही एक घंटे के भीतर ही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई थी. कांग्रेस के खड़गे सहित कुछ अन्य नेताओं और द्रविड़ मुनेत्र कषगम के तिरूची शिवा तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एलामारम करीम ने महंगाई, पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्यों में वृद्धि और हाल ही में दूध और दही सहित कई खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाए जाने के मुद्दे पर चर्चा के लिए कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस दिए थे.
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उधर, कांग्रेस के ही दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने अग्निपथ योजना के मुद्दे पर चर्चा के लिए कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था, जबकि राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा ने अग्निपथ योजना के असर और रेलवे में भर्ती के अवसरों से युवाओं को वंचित करने के मुद्दे पर कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया. आम आदमी पार्टी के राघव चड्डा ने केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर गठित समिति के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग को लेकर कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था. संसद के मानसून सत्र की सोमवार को हंगामेदार शुरुआत हुई थी. विपक्षी सदस्यों ने इन्हीं सब मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग करते हुए कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस दिए थे। हालांकि सभापति एम वेंकैया नायडू ने इन्हें अस्वीकार कर दिया था.
भाषा इनपुट