बोधगया नगर क्षेत्र के छह हजार घरों में जलापूर्ति की योजना तय समय के बाद भी पूरी नहीं हो सकी है. घरों तक पानी पहुंचाने का ठेका लेनेवाली कंपनी ने अब तक 2500 कनेक्शन का आंकड़ा भी पार नहीं किया है. जबकि कागज पर काम पूरा होने और अगले पांच वर्षों तक पाइपलाइन के मेंटेनेंस के नाम पर करोड़ों रुपये का भी वारा-न्यारा कर दिया गया है. फिलवक्त में बोधगया के कई वार्डों में पानी के लिए पाइपलाइन भी नहीं बिछाया गया और लोग पानी के लिए तरस रहे हैं.
पिछले दिनों गया के सांसद विजय कुमार द्वारा जलापूर्ति योजना की जांच की गयी और इसमें इस बात का खुलासा हुआ कि कंपनी ने काम पूरा करने के नाम पर लगभग 29 करोड़ रुपये का भुगतान प्राप्त करते हुए मेंटेनेंस के नाम पर भी हर वर्ष योजना राशि के दो प्रतिशत प्राप्त करता रहा है. इसके अलावा डीजल आदि के मद में भी करीब 80 लाख रुपये प्राप्त कर चुका है. इसके बाद गया के डीएम डॉ त्यागराजन ने भी मामले की जांच की और कंपनी को 15 जून तक काम पूरा करने का निर्देश दिया.
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लेकिन, काम पूरा नहीं होने की स्थिति को देखते हुए कंपनी को ब्लैकलिस्टेड करने के साथ ही एफआइआर दर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. बोधगया नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी अरविंद कुमार सिंह ने इस संबंध में बताया कि काम पूरा नहीं करने व भुगतान प्राप्त कर लेने के मामले में जिंदल वाटर इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी गयी है. उन्होंने बताया कि 2013 में काम पूरा करना था. लेकिन, कागजी तौर पर 2016 में काम पूरा होना दिखाया गया है. जबकि उसके बाद हर वर्ष मेंटेनेंस के नाम पर भी भुगतान प्राप्त किया जाता रहा है.