पटना. देश के 16 वें राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सोमवार को मतदान संपन्न हो गया है. बिहार विधानसभा के वाचनालय में स्थापित बूथ में बिहार विधानसभा के 241 विधायकों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. सहकारिता मंत्री व जदयू के नेता सुवाष सिंह की तबीयत खराब होने और दिल्ली एम्स में इलाज कराने को लेकर वह मतदान में शामिल नहीं हो सके. इधर, राजद के विधायक अनंत सिंह की सदस्यता समाप्त होने के बाद बिहार विधानसभा के 242 सदस्य ही मतदान के योग्य रह गये थे. राष्ट्रपति चुनाव में पहला वोट विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने दिया तो सबसे अंतिम मत झाझा के जदयू विधायक दामोदर रावत ने दिया. जदयू विधायक दामोदर रावत ने 3.40 बजे मतदान कर बूथ से बाहर निकले.
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सोमवार की सुबह आठ बजे से ही विधानसभा परिसर में चुनावी माहौल बन गया था. सबसे पहले दर्जनभर विधायकों के साथ एनडीए विधायक दल के सचेतक सह ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार विधानसभा परिसर पहुंच गये थे. राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू और महागठबंधन प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के पक्ष में विधायकों ने मतदान किया. एनडीए के 126 विधायकों ने मतदान किया, तो महागठबंधन के 114 और एआइएमआइएम के एक विधायक ने भी अपने पसंदीदा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया. मतदान सुबह 10 बजे आरंभ हो गया था. मतदान आरंभ होने के दो घंटे के अंदर ही दोपहर 12 बजे तक 204 विधायकों ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लिया था.
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर दोनों प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान कराने के लिए दोनों गठबंधन की ओर से पांच इलेक्शन एजेंट नियुक्ति किये गये थे. एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के इलेक्शन एजेंट ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार , जदयू विधायक रत्नेश सदा और भाजपा विधायक संजय सरावगी बनाये गये थे. उधर, महागठबंधन के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के इलेक्शन एजेंट राजद विधायक रामानुज प्रसाद सिंह और कांग्रेस विधायक राजेश कुमार बनाये गये थे.
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भारत निर्वाचन आयोग द्वारा राष्ट्रपति चुनाव को लेकर मतदान का समय सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक निर्धारित किया गया था. अंतिम मतदाता के रूप में दामोदर रावत के दोपहर 3.40 बजे मतदान कार्य समाप्त हो गया था. बावजूद इसके मतदान कार्य में जुटे पदाधिकारी शाम पांच बजे तक बूथ में बैठे रहे. मतदान का समय समाप्त होने के बाद सभी इलेक्शन एजेंटों की उपस्थिति में बैलेट बॉक्स सील किया गया. बैलेट बॉक्स को कड़ी सुरक्षा के बीच एयर इंडिया के विमान से दिल्ली भेज दिया गया.
बैलेट बॉक्स लेकर आरओ पवन कुमार पांडेय और एआरओ अनिल जायसवाल दिल्ली गये. मतदान की पूरी प्रक्रिया के दौरान पर्यवेक्षक के रूप में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की अपर सचिव नीरजा शेखर उपस्थित रहीं. एक भी बैलेट पेपर कैंसिल नहीं करना पड़ा. भारत निर्वाचन आयोग की ओर से बिहार विधानसभा में होनेवाले मतदान को लेकर 275 बैलेट पेपर भेजे गये थे, जिनसमें 34 बैलेट पेपर का प्रयोग नहीं किया गया.
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विधानसभा के तीन चैंबरों से पूरे मतदान प्रक्रिया की मॉनीटरिंग की जा रही थी. जदयू विधायकों के लिए संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी का चैंबर में मॉनीटरिंग हो रही थी, तो उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के चैंबर में भाजपा विधायकों की खबर रखी जा रही थी. इधर, विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के चैंबर में राजद और माले के विधायक पहुंच कर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे थे.
राष्ट्रपति चुनाव में विधायकों ने वरीयता के आधार पर मतदान किया. ऐसे में सभी विधायकों को यह स्वतंत्रता थी कि वह अपने पहले पसंदीदा प्रत्याशी को एक अंक देकर और दूसरे को दो अंक देकर मतदान करें. बूथ के अंदर दो कंपार्टमेंट बनाये गये थे जहां पर जाकर विधायक अपने वरीयता का वोट देने के बाद आरओ के पास रखे गये बैलेट बॉक्स में बैलेट पेपर डाल देते थे.