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President Election: 1957 में दूसरी बार राष्ट्रपति बने डॉ राजेंद्र प्रसाद, 4,57,698 वोट से जीते

President Election|Flash Back|डॉ राजेंद्र प्रसाद लगातार दूसरी बार राष्ट्रपति चुने गये. उन्होंने पिछली बार से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की. प्रतिद्वंद्वियों की जमानत जब्त हो गयी. उत्तर प्रदेश के विधायकों का वोट मूल्य इस बार भी सबसे ज्यादा रहा.

President Election|Flash Back|वर्ष 1957 में देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद (Dr Rajendra Prasad) दूसरी बार देश के राष्ट्रपति बने. 12 मई 1957 को उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा था. इससे पहले राष्ट्रपति का चुनाव (President Election) होना अनिवार्य था. 6 मई 1957 को राष्ट्रपति के चुनाव हुए. निर्वाचन आयोग की ओर से जारी ब्रीफ नोट में बताया गया है कि इस चुनाव में राजेंद्र प्रसाद 4,57,698 मतों के विशाल अंतर से जीते थे.

14 विधानसभा के सदस्यों ने किया मताधिकार का इस्तेमाल

देश में दूसरी बार हुए राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में लोकसभा तथा राज्यसभा के सदस्यों के अलावा 14 राज्यों के विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. उस वक्त संसद के प्रत्येक सदस्य के 496 वोट थे. राज्य विधानसभाओं के जनप्रतिनिधियों के वोट का मान अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग था.

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उत्तर प्रदेश के विधायकों के मतों का मूल्य सबसे ज्यादा

पहले राष्ट्रपति चुनाव की तरह दूसरे राष्ट्रपति चुनाव में भी उत्तर प्रदेश के विधायकों के मतों का मान सबसे ज्यादा था. इस बार यूपी के विधायकों के वोट का मूल्य 147 था. मतों का न्यूनतम मूल्य इस बार जम्मू-कश्मीर के विधायकों का था. इनके वोट का मूल्य सिर्फ 59 था. बता दें कि दूसरे चुनाव में भी मतों के मूल्य की गणना 1951 की जनगणना के आधार पर ही हुई थी.

तीन उम्मीदवार थे मैदान में

इस बार हुए राष्ट्रपति चुनाव में मैदान में मुख्य रूप से तीन उम्मीदवार थे. डॉ राजेंद्र प्रसाद को दूसरी बार बेहद आसानी से जीत हासिल हो गयी. उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले दो अन्य उम्मीदवारों के नाम नागेंद्र नारायण दास और चौधरी हरी राम था. राजेंद्र बाबू को 4,59,698 वोट मिले थे, जबकि उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे नागेंद्र नारायण दास को महज 2,000 और चौधरी हरी राम को 1,498 वोट मिले थे.

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लगातार दूसरी बार निर्वाचित घोषित हुए डॉ राजेंद्र प्रसाद

राजेंद्र बाबू लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए निर्वाचित घोषित कर दिये गये. 10 मई 1957 को उनकी जीत की अधिसूचना जारी कर दी गयी. डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 13 मई 1957 को दूसरी बार राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण किया. इस वर्ष चुनाव की प्रक्रिया 6 अप्रैल से 10 मई 1957 तक चली थी. अधिसूचना 6 अप्रैल को जारी की गयी और मतों की गणना 10 मई को हुई थी.

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