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बांग्लादेश में सोशल मीडिया पर पोस्ट के खिलाफ भड़की हिंसा, धार्मिक स्थल और घरों में तोड़फोड़

हमलावरों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवा में गोलियां चलाई. उन्होंने कहा कि हमलावरों ने शाम करीब साढ़े सात बजे हमले के दौरान गांव के मंदिर पर ईंटें भी फेंकीं. उन्होंने मंदिर के अंदर के फर्नीचर को भी तोड़ दिया.

Bangladesh News: सोशल मीडिया पर किये गये एक पोस्ट से कथित तौर पर एक विशेष धर्म की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के मामले में बांग्लादेश के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में एक मंदिर समेत कुछ घरों और दुकानों में तोड़फोड़ की गई. रविवार को मीडिया में आई खबरों में यह जानकारी दी गई है. ऑनलाइन समाचार पत्र बीडीन्यूज24.कॉम ने स्थानीय थाने के निरीक्षक हरन चंद्र पॉल के हवाले से खबर दी कि शुक्रवार शाम को नारेल जिले के सहपारा गांव में अज्ञात लोगों ने कई घरों में तोड़फोड़ की और एक मकान को आग लगा दी.

पुलिस ने की हवाई फायरिंग: हमलावरों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवा में गोलियां चलाई. उन्होंने कहा कि हमलावरों ने शाम करीब साढ़े सात बजे हमले के दौरान गांव के मंदिर पर ईंटें भी फेंकीं. उन्होंने मंदिर के अंदर के फर्नीचर को भी तोड़ दिया. ‘द डेली स्टार’ समाचार पत्र ने अपनी खबर में बताया कि कई दुकानों में भी तोड़फोड़ की गई. हरन ने कहा कि एक युवक ने फेसबुक पर कुछ आपत्तिजनक पोस्ट किया था, जिससे विशेष समुदाय के लोग आक्रोशित हो गये. पुलिस ने युवक की तलाश की, लेकिन जब वह नहीं मिला तो उसके पिता को थाने ले गई. उन्होंने कहा कि फेसबुक पोस्ट को लेकर शुक्रवार की नमाज के बाद तनाव बढ़ गया था.

आरोपियों पर होगी कार्रवाई: नारेल के पुलिस अधीक्षक प्रबीर कुमार रॉय ने कहा कि कानून प्रवर्तक एजेंसियां स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए काम कर रही हैं. रॉय ने कहा, ”हम घटना की जांच कर रहे हैं. हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल स्थिति सामान्य है.” इस बीच, पुलिस ने फेसबुक पोस्ट को लेकर एक 20 वर्षीय कॉलेज छात्र को गिरफ्तार किया है. लोहागरा थाने के प्रमुख शेख अबू हेना मिलन ने बताया कि छात्र की पहचान आकाश साहा के रूप में हुई है, जिसे खुलना में हिरासत में लिया गया है.

घरों में लगाई आग: एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दिघलिया गांव के सलाहुद्दीन कोची ने 15 जुलाई को आकाश पर इस्लाम के अपमान का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. इस मामले में आकाश को अदालत में पेश किया गया. ‘द डेली स्टार’ समाचार पत्र की खबर में बताया गया है कि बाद में हिंसा न हो, इसके लिए इलाके में पुलिस बलों को तैनात किया गया है. अखबार ने दीपाली रानी साहा नामक स्थानीय निवासी के हवाले से कहा, ”एक समूह ने हमारा सारा कीमती सामान लूट लिया.

इसके बाद दूसरा समूह आया और उसने हमारा दरवाजा खुला पाया. चूंकि लूटने के लिए कुछ नहीं बचा था, इसलिए उन्होंने हमारे घर में आग लगा दी.” दीपाली का घर उन घरों और दर्जनों दुकानों में शामिल है, जिनमें सहपारा गांव में तोड़फोड़ की गई या जला दिया गया. दिघलिया संघ परिषद की एक पूर्व महिला सदस्य ने कहा कि हमले के बाद ज्यादातर लोग गांव छोड़कर चले गए हैं.

उन्होंने कहा, “लगभग सभी घरों में ताला लगा हुआ है.” अखबार ने गांव के राधा-गोविंद मंदिर के अध्यक्ष शिबनाथ साहा (65) के हवाले से कहा, “पुलिस गांव में पहरा दे रही है, लेकिन हम उन पर भरोसा नहीं कर सकते.” ‘बीडीन्यूज24’ ने अपनी खबर में कहा कि मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ रहे हैं और उनमें से कई हमले अफवाहों या सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट किये जाने के बाद हुए हैं. बता दें, पिछले साल, बांग्लादेश में कुछ मंदिरों और प्रतिमा में तोड़फोड़ की गई थी.

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