Maharashtra Politcal Crisis: महाराष्ट्र के सियासी संकट के बीच शीर्ष अदालत से बड़ी खबर सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि शिवसेना के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के लिए नोटिस देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तारीख तय हो गई है. महाराष्ट्र संकट पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन जजों की बेंच का गठन कर दिया है. शिवसेना के दोनों गुटों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 20 जुलाई को सुनवाई करेगी.
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और हेमा कोहली की पीठ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले खेमे और एकनाथ शिंदे खेमे द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. ऐसे में महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की सरकार की तकदीर का फैसला बुधवार को होने की संभावना जताई जा रही है. इससे पहले 11 जुलाई को शिवसेना के शिंदे गुट को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली थी. शीर्ष अदालत ने शिंदे गुट के 16 विधायकों की अयोग्यता मामले में सुनवाई को फिलहाल टाल दिया था. साथ ही कहा था कि इस मामले में बेंच गठित की जाएगी. इस प्रक्रिया में समय लगेगा.
वहीं, शिवसेना सांसद संजय राउत ने मांग करते हुए कहा है कि पार्टी के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने का अनुरोध करने वाली याचिका पर जब तक सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का फैसला नहीं आ जाता, तब तक महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए. संजय राउत ने एकनाथ शिंदे की सरकार के नए मंत्रिमंडल के गठन में हो रही देरी की भी आलोचना की. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि बारबाडोस की जनसंख्या ढाई लाख है और वहां के मंत्रिमंडल में 27 सदस्य हैं. महाराष्ट्र की 12 करोड़ आबादी को दो लोगों का मंत्रिमंडल मनमाने ढंग से चला रहा है. संविधान का मान कहां रखा गया है?