Aligarh News: तय होने के बाद फ्लैट न देना बिल्डर के लिए भारी पड़ा. जिला उपभोक्ता न्यायालय ने बिल्डर के बैनामों पर रोक लगा दी और बिल्डर के बैंक एकाउंटों को सील करने के आदेश दिए.
मध्य प्रदेश में तैनात वादी न्यायिक अधिकारी ने 2017 में मैं. क्वालिटी डेवलपर से अनूपशहर रोड स्थित स्टर्लिंग अपार्टमेंट में प्रोपराइटर कमर खान से एक फ्लैट 50 लाख रुपये में तय किया था. वादी ने फ्लैट की कीमत भी बिल्डर को दे दी थी. बिल्डर ने न तो फ्लैट दिया और न रुपया. शिकायतकर्ता ने जिला उपभोक्ता न्यायालय में बिल्डर के खिलाफ रुपए देने के बाद फ्लैट न देने और रूपए वापस न करने की शिकायत की. जिस पर उपभोक्ता न्यायालय ने शिकायत कर्ता के पक्ष में डिग्री आदेश पारित किया और बिल्डर को 50 लाख के ऊपर ब्याज लगाकर 90 लाख देने का आदेश दिया. बिल्डर ने जिला उपभोक्ता न्यायालय के आदेश को तरजीह न देते हुए शिकायतकर्ता को न फ्लैट दिया, न रुपया.
जिला उपभोक्ता न्यायालय के न्यायाधीश हसनैन कुरैशी ने बिल्डर पर बड़ी कार्रवाई की. न्यायालय ने सब रजिस्ट्रार को बिल्डर के बैनामों पर रोक लगाने का आदेश दिया. कोर्ट ने बिल्डर के मैरिस रोड की बैंक ऑफ महाराष्ट्र, मेडिकल रोड की एक्सिस बैंक, रामघाट रोड एचडीएफसी बैंक व जीटी रोड जम्मू एंड कश्मीर बैंक के प्रबंधकों को बिल्डर के बैंक एकाउंट सीज करने के आदेश दिए.
रिपोर्ट : चमन शर्मा