28 Percent GST On Online Gaming: भारतीय इंटरनेट एवं मोबाइल संघ IAMAI (आईएएमएआई) ने ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत की दर से माल एवं सेवा जीएसटी (GST) कर लगाने के प्रस्ताव का विरोध किया है. उद्योग निकाय ने सोमवार को कहा कि ऑनलाइन गेमिंग की तुलना जुए, सट्टेबाजी एवं शर्त लगाने से करना उच्चतम न्यायालय के फैसले की भावना के खिलाफ है.
आईएएमएआई ने एक बयान में सरकार से ऑनलाइन गेमिंग पर 18 प्रतिशत की ही दर से कर लगाने की व्यवस्था जारी रखने का अनुरोध करते हुए कहा कि इस खेल से मिलने वाले समूचे राजस्व पर 28 प्रतिशत कर लगाने से कर बोझ बढ़कर 55 प्रतिशत हो जाएगा. जीएसटी परिषद में ऑनलाइन गेमिंग, घुड़दौड़ एवं कसीनो पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने का प्रस्ताव रखा गया है. इस बारे में मंत्री समूह 15 जुलाई तक अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपेगा. इस प्रस्ताव पर संगठन ने कहा, ‘‘भारत में 28 प्रतिशत जीएसटी अहितकर उत्पादों पर लगता है. हालांकि, उच्चतम न्यायालय यह साफ तौर पर कह चुका है कि कौशल से जुड़े खेल वैध कारोबार हैं, लिहाजा उन्हें संविधान के अनुच्छेद 19(1)(जी) और 14 के तहत संरक्षण हासिल है.
ऐसे में कौशल आधारित खेलों की तुलना सट्टेबाजी, जुए या शर्त लगाने जैसे संयोग आधारित खेलों से करना उच्चतम न्यायालय के फैसले की भावना के खिलाफ है.”आईएएमएआई ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग में जीएसटी की गणना की सबसे पारदर्शी व्यवस्था मौजूद है. इसके अलावा लेनदेन की प्रकृति पूरी तरह डिजिटल होने से राजस्व में किसी तरह का रिसाव भी नहीं हो पाता है. बयान के मुताबिक, ऑनलाइन गेमिंग ने पिछले चार वर्षों में कुल 6,000 करोड़ रुपये का जीएसटी भुगतान किया है और वर्ष 2022-25 के बीच इसके 16,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है.