देशभर में बारिश और प्राकृतिक आपदाओं से भारी जान माल का नुकसान हुआ है. छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और गुजरात में 150 से अधिक लोगों की मौत हुई है. छत्तीसगढ़ में पिछले डेढ़ माह के दौरान बारिश से संबंधित घटनाओं और अन्य प्राकृतिक आपदाओं में कम से कम 26 लोगों की मौत हुई है जबकि पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण बस्तर इलाके में इंद्रावती समेत कई नदियां खतरे के निशान से उपर बह रही हैं. वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में राज्य के बस्तर संभाग के बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, नारायणपुर, कांकेर और कोंडागांव जिलों तथा गरियाबंद, सरगुजा और कबीरधाम जिलों में भारी बारिश हुई है. उन्होंने बताया कि भारी बारिश से छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर बहने वाली गोदावरी नदी में उफान के कारण बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिले के अंदरूनी इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है.
महाराष्ट्र में बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक 102 लोगों की मौत हो चुकी है. रिपोर्ट के मुताबिक, यह संख्या एक जुलाई से 14 जुलाई के बीच दर्ज की गई है. पिछले 24 घंटे में तीन लोगों की मौत हुई, जिनमें बुलढाणा, नासिक और नंदूरबार जिलों में एक-एक व्यक्ति की हुई मौत शामिल है. राज्य में बाढ़, आकाशीय बिजली, भूस्खलन और पेड़ गिरने समेत बारिश संबंधी अन्य घटनाओं में 102 लोगों की मौत हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के 20 गांव भारी बारिश से प्रभावित हैं और कम से कम 3,873 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है.
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तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने अधिकारियों को बाढ़ से प्रभावित निचले इलाकों में जन सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) कर्मियों, बचाव दल और हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने के शुक्रवार को निर्देश दिए. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, अजय भद्राचलम में क्षेत्र स्तर पर राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं, जहां गोदावरी नदी उफान पर है. हालांकि, ऊंचे इलाकों में पानी कम होने लगा है और भद्राचलम में इसका असर दिखने में अभी और 15 घंटे लग सकते हैं.
(इनपुट- भाषा)