21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार में सुखाड़ से मचा हाहाकार, नहरों में नहीं आ रहा पानी, लरमा व ककरैत पंप कैनाल बंद, धान की रोपनी भी ठप

Bihar News: बिहार में सुखाड़ से हाहाकार मचा हुआ है. नहरों में पानी भी नहीं आ रहा है. जुलाई माह में भी बरसात नहीं होने से धान की रोपनी को लेकर इन नहरों पर आश्रित रहने वाले किसान परेशान हैं. बारिश की बेरुखी से खेतों में दरार फट गयी हैं.

कैमूर. यूपी-बिहार सीमा को विभाजित करने वाली कर्मनाशा नदी का जलस्तर प्रखंड क्षेत्र में घटने लगा है. इसके कारण क्षेत्र में किसानों के खेतों की सिंचाई को लेकर कर्मनाशा नदी में लगाया गया लरमा व ककरैत घाट पंप कैनाल हाल फिलहाल बंद हो गया है. इससे इन दोनों कैनालों से जुड़ी नहरें सूख चली हैं. दूसरी तरफ जुलाई माह में भी बरसात नहीं होने से धान की रोपनी को लेकर इन नहरों पर आश्रित रहने वाले किसान परेशान हैं. बारिश की बेरुखी से खेतों में दरार फट गयी हैं. इन दोनों नहरों में शामिल लरमा पंप कैनाल का पानी दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र के उत्तरी-पूर्वी भाग के खजुरा, खडसरा, जेवरी, कल्याणपुर,चेहरिया पंचायत के विभिन्न गांवों को सिंचित करता है.

धान की रोपनी ठप

वहीं, ककरैत घाट पंप कैनाल दुर्गावती के मसौढ़ा, कविलासपुर व डुमरी पंचायत के विभिन्न गांवों को सिंचित करते हुए रामगढ़ प्रखंड की ओर पानी जाता है. इन नहरों में पानी नहीं होने के कारण सैकड़ों गांवों के हजारों एकड़ खेतों में की जाने वाली धान की रोपनी का कार्य प्रभावित हो रहा है. धनरोपनी का पिक समय भी धीरे-धीरे बीतने लगा है. किसानों की माने तो भरपूर बारिश नहीं होने के कारण सावन के महीने में रिमझिम फुहारों की जगह उड़ रही धूल से सूखाड़ की संभावना बन रही है. वहीं, अगर दुर्गावती के दक्षिणी इलाके की बात की जाये तो यहां सिंचाई की व्यवस्था को लेकर धरहर पंप कैनाल लगाने का कार्य शुरू है. यह कार्य कब पूरा होगा, इसकी जानकारी लोगों को नहीं है.

बारिश के अभाव में हैंडपंपों ने भी छोड़ा साथ

जिन किसानों के पास निजी पंप मशीन है. वैसे किसान ही कुछ नाम मात्र की रोपनी कर पाये है. सबसे ज्यादा परेशानी प्रकृति के भरोसे तथा नहरों पर आश्रित रहने वाले किसानों की ही है. बारिश के अभाव में लगभग एक सौ फुट जमीन के अंदर तक बोरिंग करके लगाये गये हैंड पंपों का पानी का लेयर भी भागने लगा है. ऐसे में जिन घरों तक नल जल का पानी नहीं पहुंच पा रहा है, वैसे लोगों की परेशानी ज्यादा बढ़ गयी है. क्षेत्र के लोगों की माने तो कहते हैं कि धरती के अंदर लगभग एक सौ फुट बोरिंग वाले हैंडपंपों ने पानी देना बंद कर दिया है.

Also Read: पटना के PFI कार्यालय में रेड, अब तक पांच लोगों की हुई गिरफ्तारी, दस्तावेज तलाश रही पुलिस
पीने के पानी का गहराने लगा संकट

बारिश के अभाव में घर के अंदर लगे निजी समर्सिबल भी रुक-रुक कर पानी दे रहा है. नल जल योजना का कार्य भी पूर्ण नहीं हो पाया है. ऐसे में पीने के पानी को लेकर परेशानी बढ़ गयी है. वहीं, खरखोली गांव निवासी दशरथ बिंद, बालकिशुन बिंद, उदय पासवान आदि ने बताया कि नल जल का पानी हमलोगों के घरों तक नहीं पहुंच पा रहा है. पीने के पानी का संकट गहराने लगा है. ऐसे में विभाग को ध्यान देना चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें