Sawan 2022: सावन या श्रावण मास हिंदी कैलेंडर में 5वें स्थान पर आता है. इस महीने को वर्षा ऋतू का आरंभ भी माना जाता है. शिव जी की इस महीने में भिन्न- भिन्न तरीकों से पूजा की जाती है. सावन के पूरे महीने में कई धार्मिक आयोजन होते हैं. शिव उपासना, व्रत, शिव अभिषेक, रूद्राभिषेक का इस महीने में खास महत्व है. विशेष तौर पर सावन सोमवार को व्रत रखा जाता है. कई महिलायें पूरा सावन के प्रत्येक दिन भगवान शिव की पूजा करती हैं जल, दूध, बेलपत्र अर्पित करती हैं. कुवांरी कन्या अच्छे वर के लिए इस माह में उपवास रखती हैं और शिव पूजा करती हैं. विवाहित स्त्री सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए भगवान शिव की पूजा करती हैं.
भगवान शिव ने चंद्रा को अपने सिर पर धारण किया है और चंद्रमा का दूसरा नाम सोम है. इसी वजह से सोमवार के दिन को भगवान शिव का दिन माना जाता है. सोम का एक और संबंध सोमरस से जोड़ा जाता है. धार्मिक कथाओं के अनुसार सोमरस का सेवन देवता किया करते थे. जिसका पान करने से उन्हें आरोग्य की प्राप्ति हुई. यानी सोमरस को दवा की तरह समझा जाता है. इसी तरह शिव मनुष्यों के लिए कल्याणकारी हैं इसलिए सोमवार के दिन इनकी विशेष पूजा की जाती है.
पौराणिक मान्यता है कि श्रावण भगवान शिव का अति प्रिय महीना है. इसके पीछे की कहानी यह है कि दक्ष पुत्री माता सति ने अपने जीवन को त्याग कर कई वर्षों तक श्रापित जीवन जिया. इसके बाद उन्होंने हिमालय राज के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया. पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए श्रावण महीने में कठोर तप किया, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी मनोकामना पूरी की. अपनी भार्या से पुनः मिलाप के कारण भगवान् शिव को श्रावण का यह महीना अत्यंत प्रिय हैं. यही कारण हैं कि इस महीने कुमारी कन्या अच्छे वर के लिए शिव जी से पूजा करती हैं.
सावन मास आरंभ- 14 जुलाई 2022, दिन गुरुवार
सावन प्रथम सोमवारी – 18 जुलाई 2022, सोमवार
सावन दूसरी सोमवारी- 25 जुलाई 2022, सोमवार
सावन तीसरी सोमवारी- 01 अगस्त 2022 सोमवार
सावन चौथी सोमवारी- 08 अगस्त 2022, सोमवार
सावन मास का अंतिम दिन – 12 अगस्त 2022, शुक्रवार
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सावन माहीने के दौरान सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.
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नजदीक के शिव मंदिर में जाकर शिवजी के दर्शन करें.
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सबसे पहले शिवलिंग का गंगाजल और दूध से अभिषेक करें.
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भगवान शिव को बेलपत्र,धतूरा,गंगाजल और दूध प्रिय हैं इसलिए इन सामग्री को अवश्य शामिल करें.
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श्रावण माह में शिवजी के जलाभिषेक के दौरान “ओम् नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना न भूलें.
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पूजा पूर्ण करने के बाद अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए भगवान शिव से प्रार्थना करें.
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शिव आरती, शिव चालीसा का पाठ करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं.