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गुमला के कार्तिक उरांव कॉलेज में छात्र आज करेंगे तालाबंदी, इंटर में एडमिशन नहीं होने से हैं नाराज

गुमला के कार्तिक उरांव कॉलेज में इंटरमीडिएट के छात्रों का एडमिशन नहीं हो रहा है. कारण है फंड की कमी. इस मामले में जैक ने भी हाथ खड़े कर दिए है. इंटर में एडमिशन नहीं होने से नाराज छात्र कॉलेज में तालाबंदी करने की घोषणा की है.

Jharkhand news: रांची यूनिवर्सिटी से संबंध कार्तिक उरांव कॉलेज, गुमला में इस सत्र में इंटर आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स फैकल्टी में एडमिशन अबतक शुरू नहीं हुआ है. कॉलेज प्रबंधन ने इस सत्र से इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद करने का निर्णय लिया है. इस संबंध में कॉलेज प्रशासन ने रांची यूनिवर्सिटी को पत्र भी लिखा है. इंटर की पढ़ाई बंद करने के कारण ही अबतक एडमिशन की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. इससे गुमला के छात्रों में आक्रोश है. छात्र उग्र रूप लेने के लिए तैयार हो गये हैं. कॉलेज में इंटर की पढ़ाई बंद करने की सूचना से आक्रोशित छात्रों ने 15 जुलाई को कॉलेज में तालाबंदी करने का निर्णय लिया है. इसके लिए सैंकड़ों छात्र आज कॉलेज में जुटेंगे जो कॉलेज प्रशासन के खिलाफ कॉलेज में तालाबंदी करेंगे. छात्रों ने कहा है कि गुमला जिले का यह एकमात्र कॉलेज है. जहां गरीब व मध्यम वर्ग के बच्चे कम पैसे में उच्च शिक्षा ग्रहण करते हैं. अगर ऐसे में कॉलेज बंद हो जायेगा तो गुमला जिले जैसे पिछड़े क्षेत्र के हजारों बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जायेगा.

छात्रों ने कहा : उच्च शिक्षा हमारा अधिकार है, पढ़ाई बंद होने नहीं देंगे

छात्रा सीता कुमारी ने कहा कि उच्च शिक्षा हमारा अधिकार है. पढ़ाई बंद होने नहीं देंगे. इसके लिए चाहे हमें किसी भी हद तक क्यों न आंदोलन करना पड़े. अचानक कॉलेज में इंटर की पढ़ाई बंद करना यह बहुत बड़ी साजिश है. सरकार इसपर ध्यान दें. छात्र नेता रामावतार भगत ने कहा कि कॉलेज की नींव ही इंटर की पढ़ाई से रखी गयी थी. क्योंकि गुमला गरीब जिला है. गांव-घर के गरीब बच्चे यहां पढ़ते हैं. ऐसे में इंटर की पढ़ाई कर हजारों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने नहीं दिया जायेगा. कॉलेज प्रशासन को अपना निर्णय वापस लेते हुए इंटर की पढ़ाई चालू रखना होगा. छात्र नेता अनिल साहू ने कहा कि इंटर में पढ़ाई बंद करने के खिलाफ 15 जुलाई को कॉलेज में तालाबंदी की जायेगी. तालाबंदी उस समय तक रहेगा. जबतक इंटर की पढ़ाई चालू नहीं किया जाता है.

पढ़ाई बंद होने से छात्र हैं परेशान

प्रकाश प्रसाद ने कहा कि छात्रों की पढ़ाई का पैसा कॉलेज प्रशासन कहीं और बांट रहा है. कॉलेज में गलत तरीके से कई नियुक्तियां हुई है. अनुबंध पर काम पर रखकर उन्हें बेकार का पैसा बांटा जा रहा है. इसलिए इंटर की पढ़ाई का पैसा छात्रों में ही खर्च हो. न कि बेवजह के कहीं और बांटा जाये. राखी कुमारी ने कहा कि केओ कॉलेज के कारण ही गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चे पढ़-लिखकर आगे बढ़ रहे हैं. ऐसे में अगर इंटर की पढ़ाई बंद हो जाए, तो छात्रों का भविष्य बर्बाद हो जायेगा. हसीबा रूख्सार ने कहा कि कॉलेज में इंटर की पढ़ाई बंद न हो.

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छात्र ने लिखा मार्मिक पत्र, कहा : इंटर की पढ़ाई बंद न हो

केओ कॉलेज गुमला के इंटरमीडिएट के छात्र अशोक गोप ने पत्र लिखा है. जिसमें कहा है कि मैं इस कॉलेज में इंटरमीडिएट का छात्र हूं. कॉलेज में इंटरमीडिएट की कक्षाएं बंद नहीं होनी चाहिए. क्योंकि मेरे जैसे अनेकों बच्चे जो ग्रामीण व गरीब परिवार से आते हैं. वे इस कॉलेज के माध्यम से अपनी पढ़ाई करते हैं. बहुत से ऐसे बच्चे भी हैं, जो बड़े निजी स्कूलों में पढ़ने को समक्ष नहीं है. इस कॉलेज की पढ़ाई के बारे में बता दूं कि इस वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिला टॉपर में कॉलेज के विद्यार्थियों ने अपनी जगह बनायी है. अगर इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद हो जाय, तो मेरे जैसे गरीब बच्चों की पढ़ाई बंद हो जायेगी. उनका भविष्य बरबाद हो जायेगा. उन्होंने सरकार से केओ कॉलेज में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद नहीं कराने की मांग की है.

सोशल मीडिया में छाया मुद्दा, छात्रों के भविष्य पर चिंता

केओ कॉलेज, गुमला में इंटर की पढ़ाई बंद होने का मुद्दा सोशल मीडिया में भी छाया रहा. कई लोगों ने छात्रों के भविष्य की चिंता की है. साथ ही कॉलेज में इंटर की पढ़ाई बंद नहीं करने की अपील की है. अमित कुमार ने कहा कि इंटर की पढ़ाई बंद होगी, तो सबसे ज्यादा असर गरीब छात्रों पर पड़ेगा. इसलिए कॉलेज प्रशासन को इसपर पुनर्विचार करना चाहिए. अविनाश कुमार गिरी ने कहा है कि कॉलेज में पढ़ाई बंद न हो. शिक्षकों की कमी भी दूर हो. नगरपालिका के पूर्व सभापति योगेंद्र साहू ने कहा कि कॉलेज में इंटर की पढ़ाई बंद होने की जानकारी सक्षम पदाधिकारी को दी जानी चाहिए.

अभाविप ने की एक दिवसीय कॉलेज में तालाबंदी

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा गुरुवार को केओ कॉलेज में इंटरमीडिएट की पढ़ाई को बंद किये जाने के निर्णय के खिलाफ कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन बिल्डिंग में तालाबंदी की गयी. साथ ही कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की गयी. जिसके बाद विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधि मंडल ने कॉलेज प्रशासन के समक्ष इस गंभीर मुद्दे को रखा.

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फंड की है कमी : प्रभारी प्राचार्य

इस संबंध में प्रभारी प्राचार्य प्रोफेसर एजे खलखो ने बताया कि इंटरमीडिएट को चलाने के लिए हमारे पास फंड की कमी है. हमारे पास अब एक वर्ष के लिए ही शिक्षक एवं स्टाफ को पैसा भुगतान करने की राशि बची है. हमने झारखंड अधिविध परिषद के सचिव को पत्र लिखकर कॉलेज की व्यवस्था के बारे में बताया है. प्रत्येक वर्ष 30 लाख रुपये को आर्थिक सहायता देने का आग्रह किया है. यदि जैक के माध्यम से सहायता राशि मिलती है तो हम छात्रों के न्यू एडमिशन के लिए तैयार हैं. यदि हमें राशि उपलब्ध नहीं करायी जा सकती, तो हम इंटर कॉलेज चलाने में सक्षम नहीं होंगे.

कॉलेज को फंड की व्यवस्था नहीं कर सकते : जैक अध्यक्ष

इस पर विद्यार्थी परिषद के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कुणाल शर्मा ने जैक अध्यक्ष से फोन कर बात की. जिस पर जैक अध्यक्ष ने कहा कि हम कॉलेज को फंड की व्यवस्था नहीं कर सकते हैं. यदि केओ कॉलेज, गुमला के इंटर कॉलेज चलाने में सक्षम नहीं हैं, तो वह इसे बंद कर सकते हैं. कुणाल शर्मा ने बताया कि यदि इस वर्ष कॉलेज में एडमिशन नहीं होता है, तो हजारों विद्यार्थी का भविष्य अंधेरे में चला जायेगा. विद्यार्थी परिषद के जिला सह संयोजक संध्या करीना मिंज एवं सुशील तिर्की ने बताया कि केओ कॉलेज, गुमला में इंटर बंद होने से जिले के कई गरीब आदिवासी छात्र पढ़ाई से वंचित हो जायेंगे. मौके पर परिषद के अमर सिंह, अनीशा सिंह, उमा कुमारी, बलदेव उरांव, कार्तिक गुप्ता सहित परिषद का अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे.

रिपोर्ट : जगरनाथ पासवान, गुमला.

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