16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

संसद में जुमलाजीवी, तानाशाही और नौटंकी जैसे शब्द नहीं बोल पाएंगे माननीय, सरकार ने तैयार की शब्दों की सूची

लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्द 2021 शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों एवं वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है, जिन्हें ‘असंसदीय अभिव्यक्ति' की श्रेणी में रखा गया है. संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले सदस्यों के उपयोग के लिए जारी किये गए इस संकलन में ऐसे शब्द या वाक्यों को शामिल किया गया है.

नई दिल्ली : संसद के सदस्यों की जुबान पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने असंसदीय शब्दों की सूची तैयार की है. मीडिया की रिपोर्ट की मानें तो संसद के सत्रों के दौरान राज्यसभा या लोकसभा के सदस्य जुमलाजीवि, तानाशाही, नौटंकी और लॉलीपॉप जैसे शब्द नहीं बोल पाएंगे. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान सदस्य अब चर्चा में हिस्सा लेते हुए जुमलाजीवी, बाल बुद्धि सांसद, शकुनी, जयचंद, लॉलीपॉप, चांडाल चौकड़ी, गुल खिलाए, पिठ्ठू जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. ऐसे शब्दों के प्रयोग को अमर्यादित आचरण माना जायेगा और वे सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं होंगे.

लोकसभा सचिवालय ने जारी की शब्दावली

दरअसल, लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्द 2021 शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों एवं वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है, जिन्हें ‘असंसदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में रखा गया है. संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले सदस्यों के उपयोग के लिए जारी किये गए इस संकलन में ऐसे शब्द या वाक्यों को शामिल किया गया है, जिन्हें लोकसभा, राज्यसभा और राज्यों के विधानमंडलों में वर्ष 2021 में असंसदीय घोषित किया गया था.

इन शब्दों के बोलने पर प्रतिबंध

लोकसभा की ओर से संकलन के अनुसार, असंसदीय शब्द, वाक्य या अमर्यादित अभिव्यक्ति की श्रेणी में रखे गए शब्दों में कमीना, काला सत्र, दलाल, खून की खेती, चिलम लेना, छोकरा, कोयला चोर, गोरू चोर, चरस पीते हैं, सांड जैसे शब्द शामिल हैं. अध्यक्षीय पीठ पर आक्षेप को लेकर भी कई वाक्यों को असंसदीय अभिव्यक्ति की श्रेणी में रखा गया है. इसमें ‘आप मेरा समय खराब कर रहे हैं, आप हम लोगों का गला घोंट दीजिए, चेयर को कमजोर कर दिया है और यह चेयर अपने सदस्यों का संरक्षण नहीं कर पा रही है, आदि शामिल हैं.

चिल्लाकर वेल में जाना असंसदीय

अगर कोई सदस्य पीठ पर आक्षेप करते हुए यह कहते हैं, ‘जब आप इस तरह से चिल्ला कर वेल में जाते थे, उस वक्त को याद करूं या आज जब आप कुर्सी पर बैठें हैं तो इस वक्त को याद करूं’…तब ऐसी अभिव्यक्त को असंसदीय मानते हुए इन्हें रिकार्ड का हिस्सा नहीं माना जाएगा. असंसदीय अभिव्यक्ति के संकलन में छत्तीसगढ़ विधानसभा में कार्यवाही में शामिल नहीं किये गए कुछ शब्द या वाक्यों को भी रखा गया है, जिनमें बॉब कट हेयर, गरियाना, अंट-शंट, उच्चके, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे आदि शामिल हैं. इसमें राजस्थान विधानसभा में असंसदीय घोषित कुछ शब्दों को भी रखा गया है, जिसमें कांव कांव करना, तलवे चाटना, तड़ीपार, तुर्रम खां तथा झारखंड विधानसभा में अससंदीय घोषित ‘कई घाट का पानी पीना, ठेंगा दिखाने का कार्य आदि शामिल है.

शब्दावली में अंग्रेजी के शब्दों पर भी प्रतिबंध

इस संकलन में अंग्रेजी के कुछ शब्दों एवं वाक्यों को भी शामिल किया गया है, जिनमें ‘आई विल कर्स यू’, बिटेन विद शू’, बिट्रेड, ब्लडशेड, चिटेड, शेडिंग क्रोकोडाइल टियर्स, डंकी, गून्स, माफिया, रबिश, स्नेक चार्मर, टाउट, ट्रेटर, विच डाक्टर आदि शमिल हैं. संसद के सदस्य कई बार सदन में ऐसे शब्दों, वाक्यों या अभिव्यक्ति का इस्तेमाल कर जाते हैं, जिन्हें बाद में सभापति या अध्यक्ष के आदेश से रिकॉर्ड या कार्यवाही से बाहर निकाल दिया जाता है.

Also Read: रघुवर दास बोले, प्रधानमंत्री को चोर कहना संसदीय, तो चोट्टा कहना असंसदीय कैसे?
क्या कहता है नियम

लोकसभा में कामकाज की प्रक्रिया एवं आचार के नियम 380 के मुताबिक, ‘अगर अध्यक्ष को लगता है कि चर्चा के दौरान अपमानजनक या असंसदीय या अभद्र या असंवेदनशील शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, तो वे सदन की कार्यवाही से उन्हें हटाने का आदेश दे सकते हैं.’ वहीं नियम 381 के अनुसार, सदन की कार्यवाही का जो हिस्सा हटाना होता है, उसे चिह्नित करने के बाद कार्यवाही में एक नोट इस तरह से डाला जाएगा कि अध्यक्ष के आदेश के मुताबिक इसे हटाया गया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें