युवा भारतीय निशानेबाज अर्जुन बबूता (Arjun Babuta) ने सोमवार को टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता लुकास कोजेंस्की को पछाड़कर पुरुष 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता और आईएसएसएफ निशानेबाजी विश्व कप (Shooting World Cup) में देश के पदक का खाता खोला.
अर्जुन ने अमेरिका के कोजेंस्की को हराया
स्वर्ण पदक के मुकाबले में अर्जुन ने अमेरिका के कोजेंस्की को आसानी से 17-9 से हराया. यह अर्जुन का सीनियर टीम के साथ पहला स्वर्ण पदक है. उन्होंने अजरबेजान के गबाला में 2016 जूनियर विश्व कप में स्वर्ण पदक जीता था. पंजाब के 23 साल के अर्जुन 2016 से भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इससे पहले वह रैंकिंग दौर में 261.1 अंक के साथ शीर्ष पर रहते हुए स्वर्ण पदक के मुकाबले में जगह बनाने में सफल रहे थे. कोजेंस्की ने 260.4 अंक के साथ स्वर्ण पदक के मुकाबले में जगह बनाई जबकि क्वालीफिकेशन में शीर्ष पर रहे इजराइल के 33 साल के सर्गेई रिक्टर ने 259.9 अंक के साथ कांस्य पदक जीता.
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पार्थ मखीजा चौथे स्थान पर रहे
स्पर्धा में हिस्सा ले रहे एक अन्य भारतीय पार्थ मखीजा 258.1 अंक के साथ चौथे स्थान पर रहे. उन्होंने रविवार को शानदार प्रदर्शन करते हुए पांचवें स्थान के साथ रैंकिंग दौर में जगह बनाई थी. फाइनल में अर्जुन ने कोजेंस्की को कोई मौका नहीं दिया. उन्होंने एक शॉट की सात सीरीज के बाद 10-4 की बढ़त बनाई. प्रत्येक सीरीज के विजेता को दो अंक मिलते हैं और टाई होने पर अंक बांटे जाते हैं. पहले 16 अंक जुटाने वाले निशानेबाज को विजेता घोषित किया जाता है.
अर्जुन ने महत्वपूर्ण मौकों पर जुटाये 10 अंक
अमेरिकी खिलाड़ी ने हार नहीं मानी लेकिन अर्जुन ने महत्वपूर्ण मौकों पर 10 से अधिक अंक जुटाए और स्वर्ण पदक के साथ प्रतियोगिता में भारत के पदक का खाता खोला. विदेशी राइफल कोच थॉमस फार्निक का अपने पहले ही अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में यह पहला पदक है. आस्ट्रिया के इस कोच को चांगवन विश्व कप से ठीक पहले टीम के साथ जोड़ा गया.