पटना के एक सुरक्षाकर्मी के फोटो खिंचवाने की सनक में भला या बुरा का भी ख्याल नहीं रहा. इस सुरक्षाकर्मी ने नौनिहालों के हाथ में गोलियों से भरी अपनी पिस्टल थमा दी. कलम चलाने वाले हाथ में इस लापरवाह सुरक्षाकर्मी ने पिस्तौल थमाया और उसके बाद जमकर फोटो सेशन भी किया.
इस दौरान कई छात्र छात्राओं के साथ उसने एक एक कर फोटो खिंचवाया. फोटो खिंचवाने के दौरान बच्चों का हाथ पिस्तौल के ट्रिगर पर था और कभी भी कोई बड़ी घटना घट सकती थी. यह सारा वाक्य उसने अपने पदाधिकारी के मौजूदगी में की लेकिन पदाधिकारी महोदय इससे अनभिज्ञ रहे.
यह घटना लगभग एक महीने पहले की बताई जा रही है. इस घटना की जानकारी अब जाकर धीरे धीरे लोगों को होने लगी है. जब बच्चे अपने अपने सोशल मीडिया पर पिस्टल और सुरक्षाकर्मी के साथ फोटो लगाने लगे है. इन तस्वीरों को देखकर दांतो तले उंगलियां दबाने लगे है.
बताया जाता है की पटना जिले के पालीगंज अनुमंडल के बिक्रम थाना क्षेत्र के एक निजी विद्यालय के प्रांगण में लगभग बीते माह पूर्व स्कूल एसोसिएशन ऑफ बिहार एवं छात्र-छात्राओं को सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था. इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में पालीगंज एएसपी अवधेश दिक्षित सहित कई अन्य गणमान्य लोग भी शामिल हुए थे. और छात्र छात्रों एवं शिक्षकों को सम्मानित किया जा रहा था.
एएसपी के सुरक्षा गार्ड में लगे जवान के साथ छात्र एवं छात्रा ने हथियारों के साथ फोटो लेते नजर आई जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में छात्रा एएसपी के साथ भी सेल्फी लेते नजर आई. तो दूसरी तरफ पिस्टल के साथ फोटो लेती नजर आ रही है. यह सभी बच्चे पटना जिले के बिहटा प्रखंड स्थित बीड़ी पांडे पब्लिक स्कूल की छात्र-छात्राएं बताई जा रहे है. हालांकि इस वायरल वीडियो की पुष्टि प्रभात खबर नहीं करता है.
तस्वीरों में साफ देखा जा सकते हैं कि सिपाही की कमर से डिस्टेंस की बनी हुई है और एक छात्र एवं छात्रा पिस्तौल के ट्रिगर पर हाथ रखकर उसका प्रदर्शन कर रहे है. स्कूली छात्र एवं छात्रा का यह प्रदर्शन कानून का उल्लंघन बताया जा रहा है. लेकिन इस उल्लंघन करने वाली छात्रा का एक सेल्फी वीडियो पालीगंज एएसपी अवधेश दीक्षित के साथ भी नजर आ रहा है.
जहां स्कूली छात्र एवं छात्रा को शिक्षा लेने के लिए हाथों में कलम लेना चाहिए था. वह पिस्टल के लिए लालायित हो रही है .जो तस्वीर सामने आ रही है यह कानून का उल्लंघन जरूर है. सिपाही सह पुलिस को भी सोचना चाहिए कि ऐसे छात्र-छात्रा को पिस्टल नहीं देना चाहिए. अगर यह पिस्टल चल जाता तो फिर क्या होता. कार्यक्रम में खुशी की जगह मातम में तबदील हो जाती.
इनपुटः बैजू