ईद-उल-अजहा (Bakrid) को लेकर राजधानी पटना में बकरे का बाजार गुलजार हो गया है. रविवार यानी 10 जुलाई को बकरीद है. रमजान के पवित्र महीने की समाप्ति के लगभग 70 दिनों बाद इस त्योहार को मनाया जाता है. इस्लाम धर्म में विश्वास रखने वाले लोगों का यह एक प्रमुख त्योहार है. बकरीद पर कुर्बानी के लिए बकरों के बाजार सज गए हैं. मार्केट में एक से बढ़कर एक बकरे मौजूद हैं. इन बकरों की कीमत लाखों रुपए में है.
राजधानी पटना में अलग-अलग इलाकों में लगे बकरी बाजार में अन्य राज्यों से भी लोग अपने बकरों को बेचने के लिए साथ लाए हैं. ईद उल अजहा यानी बकरीद को लेकर कर्षि उत्पाद बाजार समिति मुसल्लहपुर परिसर एंव राजाबाजार स्थित बकरी मंडी में सजा बकरी बाजार गुलजार हो गया है. बकरी मंडी में बिहार समेत राजस्थान और उत्तर प्रदेश का बकरा उपलब्ध है. रविवार को देशभर में बकरीद यानी ईद उल अजहा का त्योहार मनाया जाने वाला है. बकरों की खरीद-बिक्री भी जोरशोर से चल रही है. कई तो ऐसे बकरे भी हैं जिनकी कीमत एक लाख से ऊपर बताइ जा रही है. शुक्रवार से ही राजधानी पटना के कई इलाकों में लगे बकरी बाजार में काफी संख्या में खरीदार मोलभाव शुरु कर दिए हैं.
इस बार बकरीद में पटना के बाजार में पंजाबी बीटल, तोतापुरी, अजमेरी, मालवा, सिरोही, ब्लैक बंगाल, जिरापुरी मालवा, बरबरी, जमुनापुरी समेत कई नस्ल के बकरों की बिक्री भारी मात्रा में हो रही है.बलिया के बकरी व्यपारी युनूस कुरैशी अपने बकरे जिसका नाम सलमान है के साथ पहुंचे हैं, जिसकी कीमत 80 हजार बताया जा रहा है. वहीं जगदेव पथ स्थित बकरी बाजार में अजमेरी बकरा डेढ़ लाख रुपये में बिक कर अपने मालिक को मालामाल कर दिया है. बकरे के मालिक सलाउद्दीन ने कहा कि दो साल में अजमेरी बकरा का वजन 145 किलो हो गया है. वैसे ही आरा के असगर के बकरे शेरू और भभुआ के इकबाल के सल्लू बकरे की बिक्री 75 हजार और 60 हजार रुपये में हुई है.
पटना के बकरा बाजार में यूपी, राजस्थान, झारखंड, उतर प्रदेश, मध्य प्रदेश व पंजाब से भी बकरा को लाया गया है.इसके अलावा पटना में हाजीपुर, आरा, पूर्णिया, बेतिया, कटिहार ,गया , भोजपुर, सारण, नालंदा, वैशाली, बेगुसराय,तिहारी,सम्स्तीपुर समेत कई और अन्य जिलों से भी सैकड़ों की संख्या में बकरे की आवक हो रही है. दुसरी तरफ बकरी व्यवसायी थोड़े चिंतित भी दिख रहें हैं.बकरी मार्केट के जियाउल खान ने कहा कि इस साल बकरे की खरीदारी पर महंगाई की जबर्दस्त मार है. बकरे की कीमत पूछकर खरीदार लौट रहे हैं. पहले स्थिति यह रहती थी कि बकरीद के दस दिन पहले से ही खरीदारी शुरू हो जाती थी. इस बार मंडी में काफी कम खरीदार पहुंच रहे हैं.