Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग करते हुए शनिवार को अवरोधकों को हटाकर उनके आधिकारिक आवास में घुस गए. जिसके बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे कथित तौर पर अपने आधिकारिक आवास छोड़कर भाग गए. ‘डेली मिरर’ की खबर के मुताबिक, पुलिस ने शनिवार सुबह प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति आवास में घुसने से रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया और उन पर पानी की बौछारें की और गोलियां भी चलायी. बावजूद इसके प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति आवास में घुस गए.
बता दें कि राजपक्षे पर मार्च से ही इस्तीफा देने का दबाव बढ़ रहा है. वह अप्रैल में प्रदर्शनकारियों के उनके कार्यालय के प्रवेश द्वार पर कब्जा करने के बाद से ही राष्ट्रपति आवास को अपने आवास और कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं. राष्ट्रपति गोटबाया ने कोलंबो में प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही परिसर खाली कर दिया था. इस बीच, प्रदर्शनों के दौरान दो पुलिस अधिकारियों समेत कम से कम 30 लोग घायल हो गए और उन्हें कोलंबो में नेशनल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. (भाषा)
श्रीलंका में शीर्ष वकीलों के संघ, मानवाधिकार समूहों और राजनीतिक दलों के लगातार बढ़ते दबाव के बाद पुलिस ने आज सरकार विरोधी प्रदर्शनों से पहले कर्फ्यू हटा लिया है. यह कर्फ्यू सरकार विरोधी प्रदर्शनों को रोकने के लिए कोलंबो सहित देश के पश्चिमी प्रांत में सात संभागों में लगाया गया था. पुलिस के मुताबिक पश्चिमी प्रांत में सात पुलिस संभागों में कर्फ्यू लगाया गया था, जिसमें नेगोंबो, केलानिया, नुगेगोडा, माउंट लाविनिया, उत्तरी कोलंबो, दक्षिण कोलंबो और कोलंबो सेंट्रल शामिल हैं. यह कर्फ्यू शुक्रवार रात नौ बजे से अगली सूचना तक लागू किया गया था.
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पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) सीडी विक्रमरत्ने ने शुक्रवार को घोषणा करते हुए कहा, ”जिन क्षेत्रों में पुलिस कर्फ्यू लागू किया गया है, वहां रहने वाले लोगों को अपने घरों में ही रहना चाहिए और कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.” श्रीलंका के बार एसोसिएशन ने पुलिस कर्फ्यू का विरोध करते हुए इसे अवैध और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करार दिया. बार एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, ”इस तरह का कर्फ्यू स्पष्ट रूप से अवैध है और हमारे देश के लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, जो अपने मूल अधिकारों की रक्षा करने में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनकी सरकार की विफलता को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.” (भाषा)