लर्निंग लाइसेंस के बाद वाहन टेस्ट में पास होने पर ड्राइविंग लाइसेंस देने के समय डीटीओ कार्यालय में फिर से फोटोग्राफी व अन्य कार्यों पर परिवहन विभाग के सचिव केके सोन ने रोक लगा दी है. सभी डीटीओ इसे लेकर पत्र भेजा गया है. कहा गया है कि लर्निंग लाइसेंस लेने के समय आवेदक की ओर से दस्तावेज जमा किये जाते हैं. डीटीओ कार्यालय की ओर से फोटोग्राफी करायी जाती है.
ऐसे में वाहन टेस्ट में सफल होनेवाले आवेदकों को ड्राइविंग लाइसेंस देने के फिर से फोटोग्राफी या किसी अन्य कार्य के लिए नहीं बुलाया जाये. ऑनर बुक और ड्राइविंग लाइसेंस के लंबित मामलों का निबटारा डाटा इनपुट के बाद हो. वहीं, कोई भी स्मार्ट कार्ड बिना इंट्री किये डिस्पैच करनेवाले कर्मियों पर सख्त कार्रवाई होगी. कंप्यूटर ऑपरेटरों को उनके नाम के साथ यूजर आइडी तैयार करने को कहा गया है.
उनकी आइडी सॉफ्टवेयर जेनरेटर रिपोर्ट में दिखायी देगी. कई परिवहन कार्यालयों में जरूरत से ज्यादा डाटा इंट्री ऑपरेटर है. इसे लेकर परिवहन सचिव ने कहा है कि विभाग की ओर से निर्धारित संख्या के आधार पर ही डाटा इंट्री ऑपरेटरों को पैसे का भुगतान किया जाये.
परिवहन सचिव ने पत्र में कहा है कि जिला परिवहन कार्यालयों के कार्यप्रणाली में सुधार की आवश्यकता है. कार्यालय अवधि में प्रत्येक दिन आमजनों के लिए सुबह 11 बजे से दोपहर दो बजे तक का समय निर्धारित हो. परिवहन कार्यालयों को साफ-सुथरा रखने को कहा गया है.
सामान्य परिस्थिति में कोई भी आवेदन डीटीओ व क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों को 30 दिन के अंदर निबटाना होगा. 45 दिन से अधिक लंबित मामलों को हर हाल में शून्य रखना है. हर सप्ताह डीटीओ इसकी समीक्षा करेंगे.
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डीलर रजिस्ट्रेशन से जुड़े कागजात 15 दिनों में डीटीओ कार्यालय में जमा हो. इससे जुड़ा मामला 30 दिनों से ज्यादा लंबित नहीं हो.
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सभी डीटीओ स्मार्ट कार्ड को डिस्पैच से या आवेदक द्वारा स्वयं लेना सुनिश्चित करेंगे.
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डीएल टेस्टिंग ऑफिसर कंप्यूटर जेनरेटेड शीट में ही आवेदक के पास, फेल या अबसेंट होने का उल्लेख करेंगे. साथ में अपना नाम और पदनाम भी लिखेंगे.
Posted By: Sameer Oraon