पटना प्रदेश के तकरीबन सभी विश्वविद्यालयों ने अपने परीक्षा कैलेंडर को हर हाल में दिसंबर तक पूरा करने की समय सीमा तय कर दी है. विश्वविद्यालयों ने शिक्षा विभाग को परीक्षा कैलेंडर सौंप दिया है. इसके तहत विश्वविद्यालयों ने लंबित परीक्षा परिणाम जारी करने का समय निर्धारित किया है.सभी विश्वविद्यालयों की निर्धारित तिथियां अलग-अलग हैं. उल्लेखनीय है कि शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विश्वविद्यालयों को हालिया एक बैठक में हिदायत दी थी कि वह लंबित परीक्षाओं के लिए कैलेंडर जारी करें.
विश्वविद्यालयों ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2022- 23 की सभी परीक्षाएं निर्धारित तिथि पर आयोजित कर दी जायेंगी. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सत्र 2018-2021, 2019-2022, 2020-2023 और 2021-24 की परीक्षाएं पटना विश्वविद्यालय को छाेड़ कर अधिकतर विश्वविद्यालयों में किसी न किसी साल की परीक्षाएं लंबित हैं. कई विश्वविद्यालयों के परीक्षा परिणाम लंबित हैं. सबसे अधिक समय की मसलन तीन साल तक के परीक्षा परिणाम बीएन मंडल विश्वविद्यालय, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय,मगध विवि व बीआरए बिहार विश्वविद्यालयों से संबंधित बताये जा रहे हैं.
जानकारों के मुताबिक बताया जा रहा है कि दिसंबर में सभी लंबित परीक्षाओं के परिणाम आ जायेंगे. इस तरह वर्तमान सत्र और तीन पुराने सत्रों के परीक्षा परिणाम एक साथ आयेंगे. इन सभी परीक्षार्थियों के उत्तीर्ण होने के प्रमाण पत्र एक ही साल के होंगे. हालांकि राहत की बात यह होगी कि सालों से स्नातक डिग्री की आस में बैठे हजारों विद्यार्थियों को अंतत:डिग्री मिल जायेगी. हाल ही में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ,कुल सचिव और परीक्षा नियंत्रकों से एक बैठक में कहा था कि वे अविलंब परीक्षा कैलेंडर घोषित करें. उसका पालन करें, ताकि बिहार में उच्च शिक्षा के माहौल को सुधारा जा सके.
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पटना यूनिवर्सिटी की ओर से बैचलर्स के विभिन्न कोर्सों में एडमिशन के लिए फॉर्म व एंट्रेस टेस्ट भी हो गया है, लेकिन अबतक बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स कोर्स में नये सत्र में एडमिशन के लिए फॉर्म व एंट्रेंस टेस्ट की तिथि जारी नहीं की गयी है. बैचलर्स के कोर्स की शुरुआत जुलाई से होती है. विश्वविद्यालय के डीन डॉ अनिल ने कहा कि जल्द ही फॉर्म व एंट्रेंस टेस्ट की तिथि जारी की जायेगी.
पटना विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले कला एवं शिल्प महाविद्यालय का इतिहास काफी भव्य रहा है. यहां से कई राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों ने पढ़ाई की है. मगर वर्तमान में इस कॉलेज में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर का एक भी सृजित पद नहीं है. यहां पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों का सारा दारोमदार असिस्टेंट प्रोफेसर ही संभाल रहे हैं, जबकि यूजीसी के मानक के अनुसार किसी विभाग में कम से कम एक प्रोफेसर, दो एसोसिएट प्रोफेसर और तीन असिस्टेंट प्रोफेसर होना चाहिए. कला एवं शिल्प कॉलेज में चलने वाले छह कोर्सों में कुल 9 असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. इनमें भी एप्लाइड आर्ट और हिस्ट्री ऑफ आर्ट कोर्स में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद रिक्त है. यहां पढ़ाने वाले शिक्षकों का कहना है कि अगर समय पर अध्यापकों का पदोन्नति होती है, तो मानक पूरा हो सकता है.