Kanpur News: कानपुर जिले के बिकरू कांड में पुलिस ने 62 आरोपियों को नामजद किया था, जिसमे 57 आरोपी जेल में बंद हैं, जबकि जेल में बंद नौ आरोपितों ने अब तक अपना कोई वकील तय नहीं किया है. 7 जुलाई को बिकरू कांड की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आरोपियों को अगली तारीख तक वकील तय करने के लिए कहा. ताकि मामले की सुनवाई को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके.
बिकरू कांड के बाद पुलिस ने एनकाउंटर में मारे गए मुख्य आरोपी विकास दुबे और उसके अन्य साथियों के अलावा 62 लोगों को आरोपी बनाया है. सभी आरोपितों को कड़ी सुरक्षा के बीच स्पेशल जज एंटी डकैती चंद्रमणि मिश्र की कोर्ट में पेश किया गया. पूरे मामले में अभी आरोप तय होने हैं. कोर्ट ने अभियोजन से मामले की पूरी जानकारी ली. कोर्ट को बताया गया कि अभी तक इनमें से नौ आरोपितों रामसिंह यादव, शिवम उर्फ दलाल, उमाकांत, शशिकांत पांडेय, राजेन्द्र मिश्र, दयाशंकर अग्निहोत्री, वीरसिंह, विष्णु पाल उर्फ जिलेदार और राहुल पाल की ओर से किसी वकील का वकालत नामा नहीं आया है.
दरअसल, दो साल पहले 2 जुलाई 2020 को आधी रात के बाद करीब 12 बजे कानपुर में कुछ ऐसी घटना घटी जिसकी किसी ने कभी कल्पना तक नहीं की थी. चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए दबिश देने गई पुलिस टीम पर अचानक गोलियां बरसना शुरू हो गई थीं. इस घटना में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जबकि कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे.
इस घटना के बाद एक्शन में आई पुलिस ने 3 जुलाई 2020 की सुबह से एनकाउंटर की शुरुआत कर दी थी. घटना के बाद कुल 6 एनकाउंटर किए गए. साथ ही आरोपियों को पकड़ने के लिए दबिश देनी शुरू की. 9 दिनों तक ताबतोड़ एनकाउंटर के बाद पुलिस के हाथ बिकरु कांड का मुख्य आरोपी विकास दुबे लगा, जिसे मध्यप्रदेश पुलिस ने उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया था. कानपुर लाते समय भौति के पास एनकाउंटर में विकास दुबे मारा गया.
रिपोर्ट- आयुष तिवारी