फिल्म काली के पोस्टर से शुरू हुआ विवाद बढ़ता ही जा रहा है और इसपर राजनीति भी शुरू हो गयी है. फिल्म की डायरेक्टर लीना मणिमेकलई ने दो जुलाई को अपने फिल्म का पोस्टर शेयर किया था, यह फिल्म कनाडा के एक म्यूजियम में दिखाया गया था. पोस्टर जारी होने के बाद हिंदू संगठन ने धार्मिक भावना भड़काने का आरोप लगाया और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया.
इस मामले में राजनीति तब शुरू हो गयी जब बंगाल की टीएमसी ने महुआ मोइत्रा ने देवी काली के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की और काली फिल्म की डायरेक्टर का एक तरह से बचाव किया. इसके बाद भाजपा के नेता जमीन पर उतर आये और महुआ मोइत्रा का विरोध होने लगा. आज ममता बनर्जी ने भी इस मामले में बयान दिया है और कहा है कि नकारात्मक चीजों पर विवाद नहीं होना चाहिए, जो काम करते हैं उनसे गलती हो जाती है.
काली फिल्म की डायरेक्टर लीना मणिमेकलई भी इस मामले में जिद पर अड़ी हैं और उन्होंने कहा है कि वे माफी नहीं मांगेंगी, उन्होंने आज एक और फोटो ट्वीट कर दिया है जिसमें शिव-पार्वती को आपत्तिजनक तरीके से दिखाया गया है. साथ ही लीना ने यह भी कहा है कि आप एफआईआर करते रहे मैं अपना काम करती रहूंगी.
ऐसा पहली बार नहीं है कि किसी हिंदू देवी-देवता को गलत तरीके से प्रदर्शित किया गया है और उसपर विवाद हुआ हो. विदेश में कई बार हिंदू देवी -देवताओं का गलत तरीके से चित्रण हुआ है. 2020 में अमेजन पर ओम और भगवान गणेश की तस्वीर वाले डोर मैट बिक रहे थे, जिसपर बवाल मचने के बाद उसे हटाया गया.
प्रसिद्ध चित्रकार एमएफ हुसैन ने भी कई हिंदू देवियों की तस्वीर को आपत्तिजनक तरीके से प्रस्तुत किया था और उनका पूरे देश में विरोध हुआ था. अमेरिका में भगवान गणेश की तस्वीर टॉयलेट सीट पर लगायी गयी तो बीयर की बोतल पर भी हिंदू देवताओं के तस्वीर लगाये जा चुके हैं. इस तरह के धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले मामलों के सामने आने के बाद जब उनका विरोध हुआ तब जाकर तस्वीरों को हटाया गया.