Cyber crime: टेक्नोलॉजी के इस युग में क्राइम (Crime) और फ्रॉड (fraud) के तरीके भी हाईटेक हो चुके हैं. जरूरी नहीं है कि ठगी का शिकार बनाने के लिए किसी एक ऑनलाइन तरीके का इस्तेमाल किया जाए. हो सकता है धोखेबाज आपको फोन कॉल, ई-मेल या मैसेज के जरिए लाखों की लॉटरी का फर्जी मैसेज भेजे और आपकी सालों की कमाई मिनट भर में उड़ा ले जाए. इस तरह के स्कैम से बचाने के लिए PIB ने ठगी के एक दावे का पर्दाफाश किया है. साथ ही लोगों से सतर्क रहने की अपील की है.
दरअसल, पीआईबी ने अपने फेक्ट चेक में एक फेक मैसेज का पर्दाफाश किया है, जिसमें पीएम मोदी, मुकेश अंबानी और अमिताभ बच्चन का फोटो लगा हुआ है. साथ ही लिखा है, ‘नमस्कार दोस्तो आपके नंबर पर 25,00,000 की लॉटरी लगी है. साथ ही लिखा है कि ये लॉटरी केबीसी और जिओ डिपार्टमेंट की और से लगी है, इसके साथ ही एक वाट्सअप नंबर और फर्जी लॉटरी नंबर दिया गया है. पीआईबी (PIB Fact Check) ने इस तरह के कॉल, मेल और मैसेज पर अपनी निजी जानकारी साझा ना करने की अपील की है. साथ ही इस मैसेज को पूरी तरह से फेक बताया है.
फोन कॉल, ई-मेल और मैसेज पर धोखेबाजों द्वारा यह #फ़र्ज़ी दावा किया जा रहा है कि प्राप्तकर्ता ने ₹25,00,000 की लॉटरी जीती है। #PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) July 6, 2022
▶️ऐसे लॉटरी स्कैम से सावधान रहें।
▶️इस तरह के कॉल, मेल और मैसेज पर अपनी निजी जानकारी साझा ना करें।
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इस तरह की साइबर धोखाधड़ी में, धोखेबाज अनजान नंबरों से पीड़ितों को व्हाट्सएप संदेश भेजते हैं (उनमें से ज्यादातर +92, पाकिस्तान के आईएसडी कोड से शुरू होते हैं) यह दावा करते हुए कि उनके मोबाइल नंबर से कौन बनेगा करोड़पति और रिलायंस जियो द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित लॉटरी जीती है. 25 लाख और उस लॉटरी का दावा करने के लिए उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति से संपर्क करना होगा जिसका नंबर उसी व्हाट्सएप संदेश में दिया जाता है.
इसके बाद जब पीड़ित राशि का दावा करने के लिए दिए गये नंबर पर संपर्क करता है, तो जालसाज उसे बताता है कि उन्हें पहले लॉटरी के साथ-साथ जीएसटी आदि के लिए एक कुछ पैसे जमा करने होंगे. एक बार जब पीड़ित उस पैसे को जमा कर देता है, तो वे किसी न किसी बहाने से ज्यादा की मांग करने लगते हैं. जालसाज केवल व्हाट्सएप के जरिए ही बातचीत करते हैं, क्योंकि यहां पकड़े जाने के कम चांस होते हैं.
वे पीड़ित को अलग-अलग बैंक अकाउंट में पैसा जमा करने के लिए प्रेरित करते हैं और पूरी धोखाधड़ी कई हफ्तों और महीनों तक चलती है. जब तक कि वे पीड़ित को पैसे जमा करने के लिए प्रेरित करते रहें. कुछ समय बाद, वे पीड़ित को बताना शुरू कर देते हैं कि लॉटरी की राशि को और बढ़ाकर रुपये कर दिया गया है. 45 लाख फिर 75 लाख कर दिया है ताकि पीड़ित को व्यस्त रखा जा सके और उसमें रुचि ली जा सके. अंत में जब पीड़ित पैसे लेने की जिद करने लगता है या अधिक भुगतान करने से इनकार करता है, तो वे उसे कॉल करना बंद कर देते हैं और धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए जा रहे व्हाट्सएप नंबरों को बंद कर देते हैं.
Posted By Sohit Kumar