रांची : झारखंड में फिलहाल संक्रमण का फैलाव पहले दौर जैसा है, इसलिए कोरोना गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है. कोरोना का वर्तमान फैलाव पहले दौर के शुरुआती 30 दिनों जैसा है. 31 मार्च 2020 को राज्य में पहला संक्रमण का मामला मिला था. पहले संक्रमण के 20 दिन बाद राज्य में 0.95% संक्रमण दर थी. 21 अप्रैल 2020 को राज्य में एक्टिव केस 59 था. 40 दिन बाद संक्रमितों की संख्या 158 थी. वर्तमान में (चार जुलाई 2022) कोरोना की रफ्तार भी उसी तरह 0.81 से 0.95 फीसदी ही है. कोरोना का वर्तमान वैरिएंट ओमिक्रोन बीए 4 और बीए 5 है और यह उतना घातक नहीं है.
दूसरी लहर के शुरुआती दौर में 10 मार्च 2021 को 158 संक्रमित मिले थे. उस समय कोरोना की रफ्तार जांच की तुलना में 0.90 % थी. लेकिन हमने लापरवाही दिखायी और कोरोना के मजबूत डेल्टा वैरिएंट की चपेट में हम आ गये. तीसरी लहर में भी ऐसी ही स्थिति थी. संक्रमण का फैलाव ज्यादा था. तीसरी लहर के शुरुआती दौर में राज्य में एक जनवरी 2022 को 3009 एक्टिव केस थे. उस दिन 107 नये संक्रमित मिले थे, जो जांच का 1.02% था.
माइक्रो बायोलॉजिस्ट डॉ पूजा सहाय ने बताया कि राज्य के लोगों ने कोरोना की पहली, दूसरी और तीसरी लहर को नजदीक से देखा है. उनके घर के सदस्य संक्रमित होकर स्वस्थ भी हुए हैं, इसलिए कोरोना संक्रमण को लेकर आतंकित नहीं होना है. कोरोना गाइडलाइन, मास्क, सामाजिक दूरी और हाथों की सफाई का पालन करना है. कोरोना से बचाव में टीकाकरण ही सबसे बड़ा हथियार है, इसलिए बढ़-चढ़ कर टीका अभियान को सफल बनायें.
राज्य में जीनोम सिक्वेंसिंग शुरू हो गयी है. मंगलवार को दिल्ली से इंजीनियर के आने के बाद मशीन से जांच का प्रशिक्षण कर्मचारियों को दिया गया. इसके बाद पहले लॉट में 96 सैंपल जांच के लिए लाये गये हैं. जांच की रिपोर्ट 72 घंटे बाद शनिवार की सुबह मिलेगी. रिम्स में जीनोम मशीन और जेनेटिक विभाग का शुभारंभ बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता करेंगे.
Posted By: Sameer Oraon