16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Explainer : पीएम की सुरक्षा में बार-बार हो रही चूक, क्या आप जानते हैं कि कितनी टाइट होती है सिक्योरिटी?

इससे पहले, पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के वक्त पंजाब की बठिंडा में भी इस साल की पांच जनवरी को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक का मामला प्रकाश में आया था. सबसे बड़ी बात यह है कि एक के बाद एक दूसरे राज्य में जनसभाओं के दौरान प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक मामला प्रकाश में आ रहा है.

नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भीमावरम के लिए हेलीकॉप्टर से उड़ान भरते समय सुरक्षा में बड़ी चूक देखी गई. कुछ लोगों ने हेलीकॉप्टर के उड़ान वाले रास्ते में काले गुब्बारे उड़ा दिए. इसे प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में तैनात विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) की सुरक्षा में चूक पर देखा जा रहा है. हालांकि, आंध्र प्रदेश की पुलिस इस घटना को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक मानने से इनकार कर दिया है. यह घटना सोमवार की है.

इससे पहले, पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के वक्त पंजाब की बठिंडा में भी इस साल की पांच जनवरी को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक का मामला प्रकाश में आया था. सबसे बड़ी बात यह है कि एक के बाद एक दूसरे राज्य में जनसभाओं के दौरान प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक मामला प्रकाश में आ रहा है. आइए, जानते हैं कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए कितने सख्त इंतजामात किए जाते हैं…

एसपीजी के हाथ में होती है प्रधानमंत्री की सुरक्षा

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी विशेष सुरक्षा समूह (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप-एसपीजी) के कंधों पर होती है. लेकिन, प्रधानमंत्री जब किसी राज्य के दौरे पर निकलते हैं, तो सुरक्षा की जिम्मेदारी संबंधित राज्य की पुलिस की हो जाती है. हालांकि, इस दौरान एसपीजी के अधिकारी और सुरक्षाकर्मी भी मौजूद रहते हैं.

पीएम के दौरे से पहले राज्यों को दे दी जाती है जानकारी

एसपीजी के अधिकारियों के अनुसार, प्रधानमंत्री अगर किसी राज्य के दौरे पर निकलते हैं, इससे पहले संबंधित राज्य के मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिवों को इसकी जानकारी दे दी जाती है. सिक्योरिटी प्लान के बारे में एसएसपी और जिलाधिकारियों को भी जानकारी दी जाती है. आपातकाल के लिए कंटीजेंसी प्लान भी तैयार किया है. एसएसपी भी प्रधानमंत्री के काफिले का हिस्सा होते हैं और एक वैकल्पिक मार्ग भी तैयार किया जाता है.

कैसा होता है प्रधानमंत्री का सुरक्षा घेरा

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, एसपीजी कमांडोज की सुरक्षा चार स्तर की होती है. पहले स्तर में एसपीजी टीम के पास सुरक्षा का जिम्मा होता है. एसपीजी के 24 कमांडो प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात रहते हैं. कमांडोज के पास एफएनएफ-2000 असॉल्ट राइफल होती है. सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल और दूसरे अत्याधुनिक हथियार होते हैं. प्रधानमंत्री बुलेट प्रूफ कार में सवार रहते हैं. काफिले में 2 आर्मर्ड गाड़ियां चलती हैं. 9 हाईप्रोफाइल गाड़ियों के अलावा एंबुलेंस और जैमर होता है. प्रधानमंत्री के काफिले में डमी कार भी चलती है. काफिले में करीब 100 जवान शामिल होते हैं.

Also Read: पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक! चॉपर उड़ान मार्ग में छोड़े काले गुब्बारे, कांग्रेस कार्यकर्ता हिरासत में
कब हुआ था एसपीजी का गठन

31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या हो गई थी. इसके बाद 1988 में संसद में एसपीजी एक्ट पारित किया गया. इसके बाद एसपीजी का गठन किया. उस समय भी मौजूदा प्रधानमंत्री को ही सुरक्षा देने का प्रावधान था. पूर्व प्रधानमंत्रियों को नहीं. यही वजह थी कि 1989 में वीपी सिंह की सरकार ने राजीव गांधी का एसपीजी कवर हटा दिया था. 1991 में राजीव गांधी की भी हत्या हो गई. इसके बाद एसपीजी कानून में संशोधन हुआ. प्रावधान किया गया कि पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार को पद से हटने के 10 साल बाद तक एसपीजी सुरक्षा मिलेगी. इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 2003 में इस कानून में फिर संशोधन किया. संशोधित कानून के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री को पद छोड़ने के एक साल बाद तक ही एसपीजी कवर मिलेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें