13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार में नौ दिनों का माॅनसून वेडिंग, अगर चूक गये तो करना होगा चार माह इंतजार

मानसून की एंट्री के साथ इन दिनों विवाह मुहूर्तों का आखिरी चरण चल रहा है. इस माह विवाह के नौ शुभ मुहूर्त हैं. मानसून में कुल नौ दिनों का शुभ लगन है. इस तरह देवशयनी एकादशी तक जिलेभर में 100 से अधिक शादियां होने का अनुमान है.

दीपक राव, भागलपुर. मानसून की एंट्री के साथ इन दिनों विवाह मुहूर्तों का आखिरी चरण चल रहा है. इस माह विवाह के नौ शुभ मुहूर्त हैं. मानसून में कुल नौ दिनों का शुभ लगन है. इस तरह देवशयनी एकादशी तक जिलेभर में 100 से अधिक शादियां होने का अनुमान है. ढाई महीनों से अधिक समय से विवाह के मुहूर्त पर शादियों का सिलसिला जारी है. 10 जुलाई के बाद लगन के लिए अगले साल का इंतजार करना पड़ेगा. इसका असर बाजार पर दिखने लगा है. मॉनसून वेडिंग को लेकर कारोबारियों में खासा उत्साह दिख रहा है.

बरसात में नौ दिनों का ही लगन

10 जुलाई के बाद फिर 24 नवंबर को देवोत्थान एकादशी के बाद मांगलिक कार्य शुरू होगा. ऐसे में लोगों काे शादी-विवाह के लिए चार माह से अधिक दिनों का इंतजार करना पड़ेगा. ऐसे कहा जा सकता है कि बरसात में नौ दिनों का ही शुभ लगन है.

जून 2022: 1, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 13, 17, 23 और 24 तारीख शादियों के लिए अच्छा रहा.

हरिशयनी एकादशी के बाद भगवान विष्णु करते हैं शयन

पंडित सौरभ मिश्रा ने बताया कि शुभ लगन की तिथि में ही वैवाहिक व अन्य शुभ कार्य कर सकते हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु चार महीने क्षीर-सागर में शयन करते हैं. इस बीच मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. इसी कारण इन चार महीनों में शादियां नहीं होती.

कोर्ट मैरेज के लिए तिथि ही तिथि

कोर्ट मैरेज के लिए केवल सरकारी छुट्टी के दिन ही शादी का रजिस्ट्रेशन नहीं करा सकते हैं. इसके अलावा हर दिन कोर्ट मैरेज कर सकते हैं. सामाजिक शादी के अलावा कोर्ट मैरेज को शादी की कानूनी मान्यता मिलती है.

शुभ लगन

  • जुलाई : पांच, छह, सात, आठ, नौ, 10

  • नवंबर : 24, 25, 26, 27, 28

  • दिसंबर : दो, तीन, चार, सात, आठ, नौ, 13, 14, 15, 16

चातुर्मास में मांगलिक कार्य वर्जित

ज्योतिषाचार्य डॉ सदानंद झा ने बताया कि देवशयनी एकादशी से लेकर देवउठनी एकादशी तक चातुर्मास माना जाता है. इन चार महीनों में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, प्राण प्रतिष्ठा सहित सभी बड़े मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु चार माह तक क्षीर सागर में विश्राम करते हैं.

चार नवंबर को देवोत्थान एकादशी

एकादशी पर शालिग्राम तुलसी के विवाह के साथ ही मांगलिक कार्य शुरू होते हैं. विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार, प्राण प्रतिष्ठा सहित अन्य मांगलिक कार्य 10 जुलाई देवशयनी एकादशी के बाद बंद हो जायेंगे. इसके बाद विवाह मुहूर्तों की शुरुआत चार नवंबर देवोत्थान एकादशी के साथ ही होगाा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें