प्रशासनिक लापरवाही व उदासीनता के कारण नागफेनी रथ मेला की जमीन पर कब्जा बढ़ता जा रहा है. कई लोगों ने मेला की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया है. अतिक्रमण कर रास्ता को भी संकीर्ण कर गया है. रास्ता संकीर्ण होने व मेला की जमीन पर कब्जा होने से इस वर्ष भगवान जगन्नाथ अपने भाई-बहन के साथ मौसीबाड़ी नहीं गये. पुजारी चक्रधर पंडा व अनिल पंडा ने बताया कि मंदिर से मौसी बाड़ी तक के लिए सड़क 65-70 फीट चौड़ी सड़क हुआ करती थी.
रथ चलने के दौरान भी सड़क के दोनों ओर मेला देखने और दुकान लगाने के लिए पर्याप्त जगह हुआ करती थी. बीते 8-10 वर्षों से लगातार सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया जा रहा है. जिससे हटवाने के लिए मंदिर प्रबंधन समिति व ग्रामीण प्रयास कर रहे हैं. इसको लेकर चार अक्टूबर 2018 को तत्कालीन सीओ सुमंत तिर्की को आवेदन दिया गया था.
जिस पर सीओ द्वारा कार्रवाई करते हुए मापी कराकर अवैध कब्जे की जमीन को चिन्हित तो किया गया. किंतु कब्जे वाली जमीन खाली नहीं कराया गया. जिससे अतिक्रमण करने वालों का हौसला और बुलंद होते गया. पुनः 11 जनवरी 2021 को रातू महाराजा के मैनेजर दामोदर मिश्रा, मंदिर के पुजारी व ग्रामीणों द्वारा हस्ताक्षर युक्त आवेदन पूर्व विधायक गीताश्री उरांव के हाथों सीओ को दिया गया था. जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
वर्तमान सीओ अरुणिमा एक्का को भी ग्रामीण व पुजारियों ने 21 अगस्त 2021 को आवेदन दिया. परंतु अब तक अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया गया है. ज्ञात हो कि श्रीश्री जगन्नाथ महाप्रभु सेवाईत (पुजारी) वृंदावन पंडा के नाम 11.93 एकड़ भूमि पंजी-टू में दर्ज है. गैर मजरुआ आम की तीन एकड़ से अधिक भूमि है. इसी जमीन पर करीब 12-15 लोगों द्वारा अतिक्रमण कर अवैध निर्माण व घेराबंदी किया गया है. अतिक्रमण के संबंध में सीओ अरुणिमा एक्का ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर भूमि की मापी औऱ सभी अवैध अतिक्रमण को हटाया जायेगा.