पटना. दीघा के 1024.25 एकड़ का नेपाली नगर में रविवार को प्रशासन ने आवास बोर्ड की जमीन पर बने मकानों को तोड़ने की कार्रवाई की. सुबह साढ़े तीन बजे से लेकर शाम पांच बजे तक लगभग साढ़े 13 घंटे की कार्रवाई में प्रशासन की ओर से 75 मकानों को पूरी तरह से और 20 को आंशिक रूप से तोड़ दिया गया. दरअसल, रविवार को 500 से अधिक पुलिस बल के साथ प्रशासन की पूरी टीम मौके पर पहुंची थी. इस दौरान पुलिस और अतिक्रमणकारियों के बीच जमकर बवाल हुआ. एक तरफ अतिक्रमणकारी पुलिस के ऊपर पेट्रोल बम फेंक रहे थे तो दूसरी पुलिस भीड़ पर आंसू गैस के गोले दाग रहे थे. दोनों ओर से जमकर पत्थरबाजी भी हुई. इस घटना में सिटी एसपी सेंट्रल अम्बरीष राहुल के चेहरे पर पत्थर लग गयी, जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गये. आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया.
सिटी एसपी के अलावा एक दर्जन से अधिक पुलिस बल को चोट आयी वहीं एक महिला सिपाही का पैर भी टूट गया. स्थिति गंभीर होता देख डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो भी दल-बल के साथ पहुंच गये. पुलिस और अतिक्रमणकारियों के बीच हुए इस बवाल के कारण लगभग तीन घंटे तक मकान तोड़ने की प्रक्रिया पूरी तरह ठप हो गयी और सभी बुलडोजर बैकफुट पर आ गये. इसके बाद पुलिस ने रणनीति बना कर पूरे एरिया को घेर लिया और अतिक्रमणकारियों पर लाठीचार्ज कर दी, जिसके बाद सभी अपने-अपने घर में दुबक गये. देर शाम छह बजे तक मकानों को तोड़ने की कार्रवाई चली.
जिला प्रशासन ने कार्रवाई के लिए 14 बुलडोजर मंगवाये थे, लेकिन जब मकान तोड़ने में देरी होने लगी तो टीम ने दो पोकलेन भी मंगवा लिया. पोकलेन आते ही बड़े-बड़े निर्माण को घंटों में धारासाही कर दिया. इस दौरान करीब 500 पुलिसकर्मी के अलावा 25 से 30 अधिकारी भी मौजूद थे. वहीं आग से निबटने के लिए फायर ब्रिगेड की छह से अधिक गाड़ियां रोड पर खड़ी थी. एंबुलेंस को भी पुलिस ने बुलवा रखा था. कार्रवाई के दौरान शास्त्रीनगर, बुद्धा कॉलोनी, राजीवनगर, पाटलिपुत्र, दीघा समेत अन्य थानों की पुलिस को भी बुला लिया गया था.
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दरअसल, अप्रैल के अंत में पटना सीओ सदर की ओर से एक नोटिस जारी करते हुए नेपाली नगर स्थित कंचनपुरी के 20 एकड़ जमीन को खाली करने का आदेश दिया गया था. नोटिस में स्थानीय लोगों को कहा गया था कि ये जमीन आवास बोर्ड की है. आप लोगों ने अतिक्रमण किया है, इसे खाली करें. फिर तीन सुनवाई के बाद 20 जून को सीओ द्वारा नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह के भीतर सभी को मकान खाली करने का आदेश दिया गया. जब अतिक्रमणकारियों ने मकान खाली नहीं किया तो रविवार को जिला प्रशासन ने 40 एकड़ में बुलडोजर से मकान तोड़वा दिया.
जिला प्रशासन की टीम ने 75 मकानों को पूरी तरह से 20 को आंशिक रूप से तोड़ दिया गया है. बाकी के पांच मकानों को 24 घंटे का समय दिया गया. कुल 500 बल उपस्थित थे. दीघा कृषि भूमि आवास बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष श्रीनाथ सिंह सहित 25 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. वहीं पांच वाहनों को भी जब्त किया गया.