Bikru Kand: दो साल पहले आज ही के दिन कानपुर के बिकरु गांव में गैंगेस्टर विकास दुबे के घर दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला हुआ था. विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मे मिलकर 8 पुलिसकर्मियों पर गोलियों बरसाई थी. जिसमें डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. वहीं दर्जन भर पुलिस कर्मी घायल हो गए थे.बिकरु कांड में पुलिस कर्मियों की मौत से एक्शन में आई पुलिस ने 3 जुलाई की सुबह से ताबतोड़ एनकाउंटर की शुरुआत की. यूपी पुलिस ने 6 आरोपियों को एनकाउंटर में ढेर किया था.
3 जुलाई 2020 को विकास दुबे के रिश्तेदार प्रेम कुमार पांडेय और अतुल दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया था.इसके बाद हमीरपुर में अमर दुबे और इटावा में प्रवीण दुबे को मारा था. उसके बाद पुलिस कस्टडी से भागने पर पनकी में प्रभात दुबे उर्फ कार्तिकेय दुबे को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. 9 जुलाई की सुबह नाटकीय ढंग से उज्जैन के महाकाल मंदिर में मध्यप्रदेश पुलिस ने विकास दुबे को गिरफ्तार किया था. वहीं यूपी पुलिस ने कानपुर लाते समय गैंगेस्टर विकास दुबे को भागने के दौरान मार गिराया था. वहीं एसटीएफ ने दावा किया था कि गाड़ी के सामने आचानक जानवरों का झुंड आ जाने से कार पलट गई और विकास दुबे ने पिस्टल लेकर भागने की कोशिश की. उसे आत्मसमर्पण के लिए कहा गया लेकिन वह भागते भागते पुलिस पर फॉयरिंग कर रहा था, जवाबी कार्रवाई में वो ढेर हो गया.
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बिकरु कांड में सीओ देवेंद्र कुमार मिश्रा, एसओ महेश कुमार ,दरोगा नेबुलाल,सिपाही जितेंद्र कुमार,सिपाही सुल्तान सिंह,सिपाही बबलू कुमार,और सिपाही राहुल कुमार शहीद हो गए थे.
बिकरु कांड में अब तक 80 एफआईआर दर्ज हो चुकी है. 62 मामले में चार्जशीट दाखिल हुए हैं. वही 66 लोग गिरफ्तार हुए थे जिसमें अभी 55 वर्तमान में जेल में बंद है. 39 मामलों में आरोप सिद्ध हो गया है. 36 लोगो को गैगस्टर एक्ट के 3 मामलों में आरोपी बनाया गया है. 30 लोगों के शस्त्र निरस्त किये गए है.
बिकरु कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे की 67करोड़ संपति जब्त हुई है. वहीं विकास के खचांची जय बाजपेई की 2 करोड़ 97 लाख की संपत्ति जब्त हुई है. साथ ही विकास के सहयोग विष्णु पाल की 7 लाख की संपत्ति जब्त की गई है. अभी तक कुल 70 करोड़ 4 लाख को संपति जब्त हुई है.
बिकरु कांड में शहीद हुए सीओ देवेंद्र कुमार मिश्रा की बेटी को विभाग में ओएसडी के पद पर नौकरी मिली है. वही सिपाही बबलू कुमार के भाई उमेश को सिपाही के पद नौकरी मिली है. अन्य शहीद पुलिस कर्मियों के परिजन आज भी नौकरी की आश में बैठे हैं.
रिपोर्ट – आयुष तिवारी